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Monday, May 23, 2011

वो मैं और facebook

(१)
मैं उसे सालों से जानता हूँ हमारे ब्रेकप   के बाद भी वो मेरे फसबुक status को चेक करती होगी ...मैंने उसे
फ्रेंडलिस्ट  से हटा दिया है पर उसकी रूम मेट शमा अभी भी जुडी है ..जानता हूँ वो मेरी तस्वीरे चेक कर रही होगी ... पंद्रह दिन उसके बिना बहुत भारी है पर मेरा दिल ये मानने को तैयार नहीं की उसने मुझसे सारे रिश्ते तोड़ लिए है ...... जी भर के घुमा हूँ दोस्तों के साथ  पंद्रह दिनों में जी भर तसवीरें खिचवाई है ..और फसबूक ,ऑरकुट पर पोस्ट भी की है ..आखिर उसे पता तो चले मैं कोई देवदास नहीं हूँ मुझे फर्क नहीं पड़ता. उसके होने ना होने से वो कोई आक्सीजन नहीं है जिसके ना होने से मेरी साँसे बंद हो जाए ...या वो कोई सूरज नहीं इसके ना होने से मेरा चेहरा सूरजमुखी की तरह मुरझा जाए ... इस बार उसको मुझे मनांना होगा बहुत हो गई जबरदस्ती ......
(२)
तस्वीरें तो मुस्कुरा कर खिचवा रहा है पर ये नहीं जानता आँखों में तैरती उदासी छिपाई नहीं जा सकती ..पंद्रह दिन हो गए मुझे पता है उसने गुस्से में मुझे अपनी फ्रेंडलिस्ट से हटा दिया है पर क्या इतनी आसानी से दिल से ,दिमाग से भी disconnect  कर सकता है क्या ..जानती हूँ मुझे भेजने के लिखे मेसेज ड्राफ्ट में संभाल कर रख रहा होगा ..रात भर जागी आँखों की उदासी इन रंगीन तस्वीरों में साफ़ दिखती है ...एक मिस कॉल भी नहीं दिया ,एक SMS  भी नहीं ,ट्विट्टर पर भी तो भेज सकता था सारा दिन इंतज़ार में जाता है ...अगर मुझसे सारे रिश्ते तोड़ रखे है तो अभी भी हाँथ में मेरा दिया ब्रेसलेट क्या कर रहा है ...ठीक से खुश होने का दिखावा करना भी नहीं आता ......पर पंद्रह दिन हो गए अभी तक मनाने भी नहीं आया .....
(३)
वो सामने से आ रही है ,कितनी प्यारी लग रही है जानती है मुझे उसपर नीला रंग कितना पसंद है ..सब नीला पहना है जानता हूँ मुझसे बात नहीं करेगी ...अगर पहले बात कर लेगी तो उसकी ख़ूबसूरती में कमी जो आ जायेगी .....
कैसे दिखावा कर रहा है जैसे मुझे देखा ही नहीं ..पर अजनबी की तरह वर्ताव कर रहा है लगता है बेहद नाराज़ है आज बीस दिन हो गए ........उसके सारे तोहफे लौटा दूँगी आखिर समझता क्या है उसके बिना नहीं रह सकती हूँ क्या ...
अचानक ख्यालों में खोये खोये ..सामने से आती कार  नहीं दिखी एक पल में वो उसकी बाहों में थी ...वो गुस्से में चिल्ला रहा था " कभी सड़क पर ठीक से नहीं चलोगी ,पता नहीं ध्यान कहाँ  रहता है अभी कुछ हो जाता तो " .
"तुम्हारे बिना जी कर भी क्या करुँगी " 



वो मैं और facebook
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Friday, May 20, 2011

मायावी


आज पूरे चाँद की रात है ..उसने कान में फुसफुसाते हुए कहा ..

तो ? वो तुनक उठी

आज ना मिलो तो बेहतर .. बहुत रोशनी होगी ना छत पर .. उसने समझाया

अरे ये तो मेरी लाइन होनी चाहिए थी ना ..वो खिलखिला उठी ..

उसकी जिद थी भी गज़ब और हिम्मत उससे भी ज्यादा वरना ..तीन छत पार कर जाने का माद्दा मुझमें तो नहीं था

पर वो बेफिक्र आधी रात अपनी छत पर मेरा इंतज़ार कर रही थी ..और मैं दुनिया की फिक्र में घुला जा रहा था ...दिन में अगर कभी गली में आती जाती दिख जाती तो इतनी अजनबी निगाह डालती के एक बार यकीन नहीं होता की ये वही है ...

एक तो चांदनी रात ऊपर से सफ़ेद दुपट्टा डाले शरारत भी आँखों से मुझे देख रही है .... कितनी मायावी सी लग रही है ..क्या लडकिया वास्तव में इतनी खूबसूरत होती है ...एक बार दिल किया उसके पैर देखूं ...कही उलटे तो नहीं

दादी कहती थी चांदनी रात में ऎसी खूबसूरत चुड़ैले सफ़ेद कपडे पहन कर घूमती है ...अनायास अपनी सोच पर मेरी हसी छूट गई

क्या सोच रहे थे बोलो ना ...उसने अपनी बाहें मेरे गले में डालते हुए कहा ..फिर आदतन खुद ही बोली "मैं सुन्दर लग रही हूँ आ ..सब कहते है सफ़ेद रंग मुझे सूट करता है "

दिल किया एक बार बता दूं .... चुड़ैल .... पर फिर जो होता उसे संभालना मेरे बस की बात नहीं थी .. .... उसको बाहों में भर लिया ..उसको गले लगाना हमेशा सुकूं ही देता है ऐसा लगता है ...कोई मंतर चल गया हो ..... और जब दो दिल मिल रहे हो ..तो ज्यादा दिमाग नहीं चलाना चाहिए