मेरी आँखों में आँखे डालकर ..पिछले कई घंटो से तुम समझा रहे हो ...कोशिश कर रहे हो इश्क में सीनिअर जूनियर नहीं होता ..इस बात से क्या फर्क पड़ता है की तुम्हारा दिल २ साल ज्यादा धडका है ..उतना distance तो मेरे दिल ने जिस दिन तुम्हे देखा था उसी दिन पूरा कर लिया था. और मैं बस तुम्हारी मासूमियत पर मुस्कुरा कर रह जाती हूँ ..जब तुम मुझे कन्विंस कर रहे होते हो तुम्हारे यही शायराना अंदाज़ कुछ बेचैनी ,बेसब्री और कुछ पागलपन की बातें मुझे नई दुनिया में ले जाती है ..जहाँ मैं हूँ कुछ अप्राप्य सी और तुम ... मुझे पाने को व्याकुल .
मेरी मुस्कराहट तुमको थोडा सा झुंझला देती है ..... तुम्हे दुनिया में मुझसे पहले इसलिए भेजा गया कि तुम देख सको क्या फर्क है दुनिया में मेरे आने से पहले और मेरे आने के बाद .. तुम समझ लो कोई तुम्हे मेरे जितना प्यार नहीं कर सकता ..बस इम्तिहान लेना बंद करो ..
इम्तिहान ... याद आया मैं जिन जिन इम्तिहानो से गुजरी हूँ या गुज़र रही हूँ उसकी आंच का एहसास भी नहीं है तुमको भले ही हमारी उम्र में दो साल का अंतर हो पर अनुभव में कम से कम एक दशक का ... तुमको हमेशा मखमल मिला है और मैंने टाट को मखमल में बदला है ..खुरदुरेपन से मुलायमियत तक का सफ़र इतना आसान नहीं होता ...तुम्हारी आँखों में सपनो के बुलबुले देखकर घबराती हूँ जिस दिन धरातल से टकरायेंगे क्या होगा ... तुम्हारी मासूम आँखों में सपने ही सजते है इन्हें भिगोना नहीं चाहती खारे पानी से ..मैं गुनगुना उठती हूँ
मेरी मुस्कराहट तुमको थोडा सा झुंझला देती है ..... तुम्हे दुनिया में मुझसे पहले इसलिए भेजा गया कि तुम देख सको क्या फर्क है दुनिया में मेरे आने से पहले और मेरे आने के बाद .. तुम समझ लो कोई तुम्हे मेरे जितना प्यार नहीं कर सकता ..बस इम्तिहान लेना बंद करो ..
इम्तिहान ... याद आया मैं जिन जिन इम्तिहानो से गुजरी हूँ या गुज़र रही हूँ उसकी आंच का एहसास भी नहीं है तुमको भले ही हमारी उम्र में दो साल का अंतर हो पर अनुभव में कम से कम एक दशक का ... तुमको हमेशा मखमल मिला है और मैंने टाट को मखमल में बदला है ..खुरदुरेपन से मुलायमियत तक का सफ़र इतना आसान नहीं होता ...तुम्हारी आँखों में सपनो के बुलबुले देखकर घबराती हूँ जिस दिन धरातल से टकरायेंगे क्या होगा ... तुम्हारी मासूम आँखों में सपने ही सजते है इन्हें भिगोना नहीं चाहती खारे पानी से ..मैं गुनगुना उठती हूँ
तुम्हे दुनिया में मुझसे पहले इसलिए भेजा गया कि तुम देख सको क्या फर्क है दुनिया में मेरे आने से पहले और मेरे आने के बाद .
ReplyDeleteबहुत गहरा, बहुत ही गहरा।
bahut sunder sunder kathan hai---
ReplyDeletejai baba banaras----
तुम्हे दुनिया में मुझसे पहले इसलिए भेजा गया कि तुम देख सको क्या फर्क है दुनिया में मेरे आने से पहले और मेरे आने के बाद .
ReplyDeleteबहुत गहन चिंतन के उपरांत सृजन हुआ होगा इस सुन्दर रचना का
शुभकामनायें!!!
बहुत अच्छा लिखा आपने.
ReplyDeleteये गाना मैंने पहली बार सुना.
सादर
बेहद उम्दा अंदाज़ ऐ बयां ... बहुत खूब !
ReplyDeleteye isq hai nadaaaan!! isse kya pata....kaun pahle aaya, kaun baad me...bas jo bha gaya, wo bha gaya..:)
ReplyDeleteSimply greattt!!!!
ReplyDeleteगहन चिन्तन की उपज है।
ReplyDeleteइसे पढकर मैं जाने कब आपमें समाहित हो गई और अनुभवों के छाले देखने लगी ... टाट से मखमल तक , जाने कितनी पगडंडियाँ
ReplyDeleteअरे वाह! क्या बात है जी क्या बात है! :)
ReplyDeletesundar lekhan , anand aya!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर..
ReplyDeleteबहुत गहन चिंतन के उपरांत सृजन हुआ होगा इस सुन्दर रचना का
ReplyDeleteशुभकामनायें!!!
बहुत सुन्दर!
ReplyDeleteदिल को छू गया।
छोड़ दे ये दुनिया किसी के लिए...वाह कहानी की लज्जत से अभी उभरे भी नहीं थे की..ये सॉंग....शानदार...
ReplyDeleteगहन चिन्तन
ReplyDeleteबहुत सुन्दर!
शुभकामनायें
यह गाना नही जीवन दर्शन है । बहुत खूब ।
ReplyDeleteकहानू अपना प्रभाव छोड़ती है।
ReplyDeleteवाह जी बहुत बढिया गाना है।
ReplyDeleteतुमको हमेशा मखमल मिला है और मैंने टाट को मखमल में बदला है ..खुरदुरेपन से मुलायमियत तक का सफ़र इतना आसान नहीं होता ...तुम्हारी आँखों में सपनो के बुलबुले देखकर घबराती हूँ जिस दिन धरातल से टकरायेंगे क्या होगा ... तुम्हारी मासूम आँखों में सपने ही सजते है इन्हें भिगोना नहीं चाहती खारे पानी से ..मैं गुनगुना उठती हूँ
ReplyDeleteछोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए ..ये मुनासिब नहीं .......................................
Bahut khub...bahut hi sacchhi bahavna hai aur aisa to hota hi hai...par kisi ke liye duniya chhorna sarvatha anuchit...hamara kaam hai taat ko makhmal me badalte rahna....badalte rahiye...apni aadat ham kyun chhorein...
aapko sadhuvaad.
बेहतरीन।
ReplyDeleteआपका इसे बयां करने का अंदाज तो शुभान अल्लाह।
बधाई हो आपको।
हम तो चले परदेस दिल परदेसी हो गया।
ReplyDeleteजबरदस्त....उतरता हुआ!!!
ReplyDeleteछोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए ..ये मुनासिब नहीं ...
खुरदरेपन से मुलायमियत का सफ़र इतना आसान नहीं होता ...
ReplyDeleteऔर तुम्हे दो वर्ष पहले भेजे जाने को कितने सुन्दर शब्दों का प्रमाण मिला ...
बहुत खूब ...
गीत तो लाजवाब है ही ...
छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए ...नहीं छोड़ता कोइ ये दुनिया किसी के लिए , आजकल तो दुनिया क्या कुछ भी नहीं छोड़ता कोई किसी के लिए !
सहनशक्ति का मार्ग प्रज्जवलित करती हुई गंभीर अनुपम रचना -
ReplyDeleteबहुत अच्छी लगी .
बधाई एवं शुभकामनाएं .
गीत से ज्यादा प्रभावी है आपका गद्य.
ReplyDeleteबढ़िया लिखा है....काबिले गौर.
ReplyDeleteबहुत ही गहरी बात कह दी है आपने इस कथा के माध्यम से ...
ReplyDeleteपता नहीं क्यों इस गद्य को पढ़कर जगजीत सिंह की एक गजल गुनगुनाने का मन कर रहा है-
ReplyDeleteतेरी खूश्बू में बसे खत में जलाता कैसे
प्यार में डूबे हुए खत मैं जलाता कैसे.
सचमुच... ये तो तय है कि लड़कियां जिसे चाहती है डूबकर चाहती है.आपको काफी दिनों के बाद पढ़ा और बहुत अच्छा लगा
बहुत ही ख़ूबसूरत लिखा है...
ReplyDeleteYour post is peculiar with the unique heading and a melodious song. GOOD ONE.
ReplyDeleteApne bahut hi sunder likha hai.And the song is also so beautiful......
ReplyDeletebhawuk kar dene wale shabd.... bhawanao ko vyakat karne ka behatarin udaharan... tarif ke liye shabd nahi.... very nice writing style... and thinking too
ReplyDeletesabhi rachnayein bahut sunder hai
ReplyDeletenice one...
ReplyDeleteउत्तम । सर्वोत्तम हो। 😊😊😊😊👌💐
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