मैं क्या सोचती हूँ ..दुनिया को कैसे देखती हूँ ..जब कुछ दिल को खुश करता है या ठेस पहुंचाता है बस लिख डालती हूँ ..मेरा ब्लॉग मेरी डायरी है ..जहाँ मैं अपने दिल की बात खुलकर रख पाती हूँ
चेहरे पर चेचक के दाग जो गढ़ दिए थे किसी देव ने यूँही खेल खेल में मन पर पड़े दाग जब कहा उसने प्रिय तो हो पर प्रियतमा ना कह सकूंगा अब चरित्र पर लगाते है लोग अपने मनोरंजन के लिए कहकहे लगाते है पीठ पीछे और तुम कहते हो "दाग अच्छे है "
क्या वाकई दाग देव दिया करते है या इंसान खुद ही अपने ऊपर दाग लगाने के लिए जिम्मेदार होता है। और बड़ी आसानी से दोष मड़ दिया जाता है बेचारे देवों को क्यूंकि पता है न वो कभी कुछ नहीं कहते बस सब देखते, सुनते हुए, भी मुसकुराते रहते हैं :-) खुद की गलती माने कैसे इसलिए दाग अच्छे हैं।
दाग अच्छे है.................मगर ज़माना खराब है...............
ReplyDeleteदाग खुद ले लगाए नहीं होते ... देवता या तुम ... दाग तो देते ही हो और कहते हो दाग अच्छे हैं ... क्या सच में ...
ReplyDeleteमुझे तो इस बात से ही परहेज है ..कि दाग अच्छे हैं...
ReplyDeleteबहुत बेहतरीन व प्रभावपूर्ण रचना....
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।
क्या वाकई दाग देव दिया करते है या इंसान खुद ही अपने ऊपर दाग लगाने के लिए जिम्मेदार होता है। और बड़ी आसानी से दोष मड़ दिया जाता है बेचारे देवों को क्यूंकि पता है न वो कभी कुछ नहीं कहते बस सब देखते, सुनते हुए, भी मुसकुराते रहते हैं :-) खुद की गलती माने कैसे इसलिए दाग अच्छे हैं।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सार्थक अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteचेरे के दाग हों या मन के दाग दूसरों के मनोरंजन के लिए होते हैं और लोग कहते दाग अच्छे हैं. पीर पराई कौन समझे? मार्मिक अभिव्यक्ति, बधाई सोनल.
ReplyDelete.बेहतरीन प्रस्तुति
ReplyDeleteजो दाग अच्छे हैं कहते हैं कभी खुद भी तो ये दाग लेकर जीएँ!
ReplyDeleteकन शब्दों में बहुत बड़ी बात प्रभावशाली ढंग से कहने के लिए बधाई सोनल !
इक-इक शब्द ने झकझोर कर रख दिया...... क्या कहू निशब्द हूँ......
ReplyDeleteमन के दाग तो व्यथित कर जाते हैं, अन्दर तक..
ReplyDeleteबहुत बेहतरीन व प्रभावपूर्ण रचना....
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।
चेहरे के दाग पर तो बस नहीं ...पर मन के दाग तो दाग ही हैं ....
ReplyDeleteसुंदर रचना सोनल जी ...!!
क्या बात है!
ReplyDeleteइन दागदारों की दुनिया में बे-दाग भी कहाँ अच्छे है |
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