ओह तो ये तुम हो,,,, उसने अपनी उनींदी आँखे खोलते हुए कहा ,
तो रात के ढाई बजे अपने बेडरूम में तुम किसे एक्स्पेक्ट कर रही थी उसकी की आवाज़ में झुंझलाहट थी ,
"सलमान खान को ... उसने मुस्कुराते हुए जवाब दिया.
जिनके पति रात देर से आते है उन्हें बीवी की नाराजगी डर रहता है ...पर तुम्हारा मैं क्या करूँ ?
मेरा क्या है मुझे कितनी प्राइवेसी देते हो तुम ...कितनी लकी हूँ मैं , और तो और बिलकुल पजेसिव भी नहीं हो मेरे बारे में तभी तो सुबह १० से रात ढाई बजे तक एक बार कॉल नहीं किया ....रिअली लव यू ,
क्यों भिगो -२ कर मार रही हो बेचारे गरीब को ...बताया ना ऑफिस में बहुत काम है बाद ये हफ्ता फिर हम दोनों साथ रहेंगे ....कहीं घूमने का प्लान करे उसने मीठी आवाज़ में कहा
अरे नहीं ..इस दुनिया में सबसे अच्छी जगह अपना घर ...मेरा तो कहीं जाने का मन ही नहीं करता, पता नहीं लोगों को किस बात की कमी लगती है जो फोरन टूर पर या नैनीताल ,शिमला में ढूंढते है ...अभी तो गए थे दो साल पहले वो मुस्कुराते हुए बोली
आज देवी फुल मूड में है एक एक करके वार कर रही है हर वर पिछले से तीखा ... वो मन ही मन मुस्काया
बाय द वे, ये ताने तुमने कही से याद किये है या तुम्हारी क्रियेशन है ...सुपर्ब उसने शरारत से बोला
लो मैं तो तुमारी तारीफ़ कर रही हूँ और तुम्हे ताने लग रहे है ....ऐसा जीवन साथी किस्मत वालो को मिलता है
बस तुम तारीफ़ ही मत किया करो ...चाशनी भरी बातें मेरी जान ले लेंगी
मैं तो तुम्हारे प्यार में इतनी अंधी हूँ के तुम यहाँ हफ्ते हफ्ते भी नहीं रहते पर मुझे लगता ही नहीं के तुम यहाँ नहीं हो .... ऐसे छाये हुए हो मेरे दिल ओ दिमाग पर ..... उस मुकाम पर पहुँच गया है मेरा प्यार ....
अरे सुनो कल शाम की flight है सिंगापूर की पांच दिन लगेंगे ..प्लीज़ packing कर देना
तुम हमारी एनिवर्सरी पर भी यहाँ नहीं रहोगे .... I HATE YOU उसकी आँखे भीग गई
मैडम packing दोनों की करनी है उसने मुस्कुराते हुए दो टिकेट उसके हाँथ में रख दिए ....फिर
How sweet :)..जो भी हैं बस यही कुछ पल हैं.
ReplyDeleteतुम जो आओ तो प्यार आ जाए,
ReplyDeleteज़िंदगी में बहार आ जाए!!
.
बहुत दिनों बाद सिर्फ संवादों में कोई लघुकथा पढ़ी!! दिल खुश हो गया!!!
:)
ReplyDeleteओए-होए...देवी जी आज फूल मूड में हैं :)
ReplyDeleteवाह वाह..
ReplyDelete<3
ReplyDeletehappy ending...............
i love it!!!!
बहुत ही मजेदार और संस्पेंसफुल....
ReplyDeleteबहुत ही मजेदार और संस्पेंसफुल....
ReplyDeleteप्यारी सी लघुकथा है सोनल जी.
ReplyDeletebahut bahut samay baad yahan ana hua...or tabiyat khush ho gayi...mun bheeg gaya...
ReplyDeleteडॉयलाग सुनकर ही पसीने छूट रहे हैं, अगर हो जाये तो बस.... जबरदस्त
ReplyDeleteचुटकी में ही महाभारत की पृष्ठभूमि खुशियों में बदल दी!
ReplyDeleteये है जिन्दगी
ReplyDeleteदेखो रूठा न करो ...
ReplyDeleteबहुत सुंदर !!
मनाने रूठने और फिर मानाने का जो मज़ा है कह कों ही नसीब होता है ...
ReplyDeleteमज़ा आ गया इस नोक्झौंक का ...
रोमांच भी और रोमांस भी ,
ReplyDeleteबहुत खूब|
बहुत बेहतरीन रचना....
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।
अंदाज अपना अपना
ReplyDeleteबहुत खूब
बहुत सुंदर संवाद के साथ अंत हुआ इस लघु कथा का :):)
ReplyDeleteयह अंदाज़ पसंद आया...
ReplyDelete:)
awwww...........toooooo good. abse main bhi aise hi tane diya karungi...hihi
ReplyDeleteक्या बात है ... ;-)
ReplyDeleteइस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - अजीब या रोचक - ब्लॉग बुलेटिन
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ReplyDeleteखुबसूरत रुसवाईयों का तिलस्म है शब्दों में...
ReplyDeleteरुसवाईयों की कशमकश में कभी कभी जिंदगानी मुस्कुराती है...कभी रूठ भी जाती है मगर मुस्कुराने का सलीका नहीं भूलती ये जिंदगानी
Beautiful... :)
ReplyDeleteखूबसूरत.
ReplyDeleteजिन्दगी मुस्कुराती है. बहुत खूब अंदाज
ReplyDelete.
ReplyDeleteअंत भला सो भला …
अच्छी लघुकथा है सोनल जी
बहुत सुंदर !
और गीत देखो रूठा ना करो … के लिए स्पेशल थैंक्स !
अभी सुना नहीं है रात को सुनूंगा … :)
हार्दिक मंगलकामनाओं सहित…
-राजेन्द्र स्वर्णकार
ये गीतों भरी कहानी हम सभी की दास्तान है. रूठने से भी क्या होगा.
ReplyDeleteबहुत बढ़िया.....
ReplyDeleteकहानी के अंत से मन की आंखें भींग गई।
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति । कहानी का अंतिम भाग मन को दोलायमान कर गया । मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।
ReplyDeleteKhubsurat aur pyaar ke rang se bheengee prabhaavshaali kahani...
ReplyDeleteक्या बात है जी! शानदार! :)
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteशानदार कहानी ..
ReplyDeleteतमाम मुसीबतों के बीच ज़िन्दगी की मुस्कान समेटे ..
सुंदर
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