आज पूरे चाँद की रात है ..उसने कान में फुसफुसाते हुए कहा ..
तो ? वो तुनक उठी
आज ना मिलो तो बेहतर .. बहुत रोशनी होगी ना छत पर .. उसने समझाया
अरे ये तो मेरी लाइन होनी चाहिए थी ना ..वो खिलखिला उठी ..
उसकी जिद थी भी गज़ब और हिम्मत उससे भी ज्यादा वरना ..तीन छत पार कर जाने का माद्दा मुझमें तो नहीं था
पर वो बेफिक्र आधी रात अपनी छत पर मेरा इंतज़ार कर रही थी ..और मैं दुनिया की फिक्र में घुला जा रहा था ...दिन में अगर कभी गली में आती जाती दिख जाती तो इतनी अजनबी निगाह डालती के एक बार यकीन नहीं होता की ये वही है ...
एक तो चांदनी रात ऊपर से सफ़ेद दुपट्टा डाले शरारत भी आँखों से मुझे देख रही है .... कितनी मायावी सी लग रही है ..क्या लडकिया वास्तव में इतनी खूबसूरत होती है ...एक बार दिल किया उसके पैर देखूं ...कही उलटे तो नहीं
दादी कहती थी चांदनी रात में ऎसी खूबसूरत चुड़ैले सफ़ेद कपडे पहन कर घूमती है ...अनायास अपनी सोच पर मेरी हसी छूट गई
क्या सोच रहे थे बोलो ना ...उसने अपनी बाहें मेरे गले में डालते हुए कहा ..फिर आदतन खुद ही बोली "मैं सुन्दर लग रही हूँ आ ..सब कहते है सफ़ेद रंग मुझे सूट करता है "
दिल किया एक बार बता दूं .... चुड़ैल .... पर फिर जो होता उसे संभालना मेरे बस की बात नहीं थी .. .... उसको बाहों में भर लिया ..उसको गले लगाना हमेशा सुकूं ही देता है ऐसा लगता है ...कोई मंतर चल गया हो ..... और जब दो दिल मिल रहे हो ..तो ज्यादा दिमाग नहीं चलाना चाहिए
और जब दो दिल मिल रहे हो ..तो दिमाग नहीं
ReplyDelete"दिल से दुआएं देनी चाहिए"
तुम मानती हो न कि कुछ कहानियाँ जाम होती हैं , भरपूर नशा ... आँखों में लाल डोरे तैरने लगते हैं - है ना
ReplyDeleteमैने सोचा...परदेश फिल्म का वो गाना मिलेगा सुनने को..."दो दिल मिल रहे हैं...मगर चुपके -चुपके ":)
ReplyDeleteसुन्दर लिखा है...
और जब दो दिल मिल रहे हो ..तो ज्यादा दिमाग नहीं चलाना चाहिए
ReplyDeleteबेहद रूमानी .. दिल के मिलन में दिमाग का क्या काम
.....दिलों के बीच दिमाग का क्या काम चलो कुछ रूमानी हो जाएँ की तर्ज पे ...
ReplyDeletesach me aisee chudail har ek ke jeevan me aati hai...........:)+
ReplyDeleteदिल के बीच दिमाग का क्या काम ... अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteदिल के बीच दिमाग का क्या काम --(sangita ji se sabhbar) :)))
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर ....लाजवाब प्रस्तुति ।
ReplyDeleteदिल के बीच दिमाग का क्या काम ।
ReplyDeleteदिल अगर टूटा तो फिर बेकार है ,ज़ुल्फ़ बिगड़ेगी बना ली जायेगी .
kya baat hai rastogi G
ReplyDeletethat was good..!!
ReplyDeleteएक छोटे से भाव का कितनी खूबसूरती से कोलाज़ बनाया है. चित्रात्मकता देखते ही बनती है. इस अप्रतिम लघुकथा के लिए आपको बधाई सम्मानिया सोनल जी ! नमन !!
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