(१)
मैं उसे सालों से जानता हूँ हमारे ब्रेकप के बाद भी वो मेरे फसबुक status को चेक करती होगी ...मैंने उसे फ्रेंडलिस्ट से हटा दिया है पर उसकी रूम मेट शमा अभी भी जुडी है ..जानता हूँ वो मेरी तस्वीरे चेक कर रही होगी ... पंद्रह दिन उसके बिना बहुत भारी है पर मेरा दिल ये मानने को तैयार नहीं की उसने मुझसे सारे रिश्ते तोड़ लिए है ...... जी भर के घुमा हूँ दोस्तों के साथ पंद्रह दिनों में जी भर तसवीरें खिचवाई है ..और फसबूक ,ऑरकुट पर पोस्ट भी की है ..आखिर उसे पता तो चले मैं कोई देवदास नहीं हूँ मुझे फर्क नहीं पड़ता. उसके होने ना होने से वो कोई आक्सीजन नहीं है जिसके ना होने से मेरी साँसे बंद हो जाए ...या वो कोई सूरज नहीं इसके ना होने से मेरा चेहरा सूरजमुखी की तरह मुरझा जाए ... इस बार उसको मुझे मनांना होगा बहुत हो गई जबरदस्ती ......
(२)
तस्वीरें तो मुस्कुरा कर खिचवा रहा है पर ये नहीं जानता आँखों में तैरती उदासी छिपाई नहीं जा सकती ..पंद्रह दिन हो गए मुझे पता है उसने गुस्से में मुझे अपनी फ्रेंडलिस्ट से हटा दिया है पर क्या इतनी आसानी से दिल से ,दिमाग से भी disconnect कर सकता है क्या ..जानती हूँ मुझे भेजने के लिखे मेसेज ड्राफ्ट में संभाल कर रख रहा होगा ..रात भर जागी आँखों की उदासी इन रंगीन तस्वीरों में साफ़ दिखती है ...एक मिस कॉल भी नहीं दिया ,एक SMS भी नहीं ,ट्विट्टर पर भी तो भेज सकता था सारा दिन इंतज़ार में जाता है ...अगर मुझसे सारे रिश्ते तोड़ रखे है तो अभी भी हाँथ में मेरा दिया ब्रेसलेट क्या कर रहा है ...ठीक से खुश होने का दिखावा करना भी नहीं आता ......पर पंद्रह दिन हो गए अभी तक मनाने भी नहीं आया .....
(३)
वो सामने से आ रही है ,कितनी प्यारी लग रही है जानती है मुझे उसपर नीला रंग कितना पसंद है ..सब नीला पहना है जानता हूँ मुझसे बात नहीं करेगी ...अगर पहले बात कर लेगी तो उसकी ख़ूबसूरती में कमी जो आ जायेगी .....
कैसे दिखावा कर रहा है जैसे मुझे देखा ही नहीं ..पर अजनबी की तरह वर्ताव कर रहा है लगता है बेहद नाराज़ है आज बीस दिन हो गए ........उसके सारे तोहफे लौटा दूँगी आखिर समझता क्या है उसके बिना नहीं रह सकती हूँ क्या ...
अचानक ख्यालों में खोये खोये ..सामने से आती कार नहीं दिखी एक पल में वो उसकी बाहों में थी ...वो गुस्से में चिल्ला रहा था " कभी सड़क पर ठीक से नहीं चलोगी ,पता नहीं ध्यान कहाँ रहता है अभी कुछ हो जाता तो " .
"तुम्हारे बिना जी कर भी क्या करुँगी "
मैं उसे सालों से जानता हूँ हमारे ब्रेकप के बाद भी वो मेरे फसबुक status को चेक करती होगी ...मैंने उसे फ्रेंडलिस्ट से हटा दिया है पर उसकी रूम मेट शमा अभी भी जुडी है ..जानता हूँ वो मेरी तस्वीरे चेक कर रही होगी ... पंद्रह दिन उसके बिना बहुत भारी है पर मेरा दिल ये मानने को तैयार नहीं की उसने मुझसे सारे रिश्ते तोड़ लिए है ...... जी भर के घुमा हूँ दोस्तों के साथ पंद्रह दिनों में जी भर तसवीरें खिचवाई है ..और फसबूक ,ऑरकुट पर पोस्ट भी की है ..आखिर उसे पता तो चले मैं कोई देवदास नहीं हूँ मुझे फर्क नहीं पड़ता. उसके होने ना होने से वो कोई आक्सीजन नहीं है जिसके ना होने से मेरी साँसे बंद हो जाए ...या वो कोई सूरज नहीं इसके ना होने से मेरा चेहरा सूरजमुखी की तरह मुरझा जाए ... इस बार उसको मुझे मनांना होगा बहुत हो गई जबरदस्ती ......
(२)
तस्वीरें तो मुस्कुरा कर खिचवा रहा है पर ये नहीं जानता आँखों में तैरती उदासी छिपाई नहीं जा सकती ..पंद्रह दिन हो गए मुझे पता है उसने गुस्से में मुझे अपनी फ्रेंडलिस्ट से हटा दिया है पर क्या इतनी आसानी से दिल से ,दिमाग से भी disconnect कर सकता है क्या ..जानती हूँ मुझे भेजने के लिखे मेसेज ड्राफ्ट में संभाल कर रख रहा होगा ..रात भर जागी आँखों की उदासी इन रंगीन तस्वीरों में साफ़ दिखती है ...एक मिस कॉल भी नहीं दिया ,एक SMS भी नहीं ,ट्विट्टर पर भी तो भेज सकता था सारा दिन इंतज़ार में जाता है ...अगर मुझसे सारे रिश्ते तोड़ रखे है तो अभी भी हाँथ में मेरा दिया ब्रेसलेट क्या कर रहा है ...ठीक से खुश होने का दिखावा करना भी नहीं आता ......पर पंद्रह दिन हो गए अभी तक मनाने भी नहीं आया .....
(३)
वो सामने से आ रही है ,कितनी प्यारी लग रही है जानती है मुझे उसपर नीला रंग कितना पसंद है ..सब नीला पहना है जानता हूँ मुझसे बात नहीं करेगी ...अगर पहले बात कर लेगी तो उसकी ख़ूबसूरती में कमी जो आ जायेगी .....
कैसे दिखावा कर रहा है जैसे मुझे देखा ही नहीं ..पर अजनबी की तरह वर्ताव कर रहा है लगता है बेहद नाराज़ है आज बीस दिन हो गए ........उसके सारे तोहफे लौटा दूँगी आखिर समझता क्या है उसके बिना नहीं रह सकती हूँ क्या ...
अचानक ख्यालों में खोये खोये ..सामने से आती कार नहीं दिखी एक पल में वो उसकी बाहों में थी ...वो गुस्से में चिल्ला रहा था " कभी सड़क पर ठीक से नहीं चलोगी ,पता नहीं ध्यान कहाँ रहता है अभी कुछ हो जाता तो " .
"तुम्हारे बिना जी कर भी क्या करुँगी "
वो मैं और facebook
....
"तुम्हारे बिना जी कर भी क्या करुँगी "
ReplyDeleteसारा इगो यहीं समाप्त हो जाता है ... पत्रों के मन के भावों को खूबसूरती से लिखा है ..
Some one is Back with herself.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर शब्दों मे प्यार के बीच होने वाली तकरार को आपने चित्रित कर दिया है
:)
awwww....so sweet..
ReplyDeleteठीक से सड़क पार नहीं करनी आती उसे
ReplyDeleteक्या खूब,., फेसबुक, ऑरकुट और ट्वीटर सब बता रहें दोनों एक दूसरे के बिना अधूरे
कतल है जी कतल है ...हाय इस कार ने मुंआ दिल जीत लिया हमारा ...कसम से हमको मालूम है ....नैनो ही होगी निगोडी ...और कौन सी कार को अपने बच्चों से इत्ती मुहब्बत है ..आखिर टाटा हैं तो अपने ही रिश्ते में ...वही समझ सकते हैं फ़ीलिंग को ..किंतु पिलाट पर आप कैसे पहुंच गईं जी ...
ReplyDeletebehad khubsurat...
ReplyDeletewaaaaaaaaaaaaah
ReplyDeleteरिश्तों की जमा पूंजी....
ReplyDeleteबहुत कोमल सा मधुर एहसास....
waaaaaaaaaaaaaaah Rastogi G
ReplyDeleteसोनल जी!
ReplyDeleteनीला रंग बहुत पसंद है उसे!! फेस बुक का रंग है ना!! बस डूबा हूँ किरदार और उन बीस दिनों में!!!
अपने आप में एक नया विश्व पर जाने का मन नहीं करता है।
ReplyDelete:-)
ReplyDeleteकहीं कुछ हो जाता तो ...
ReplyDeleteतुम्हरे बिना जी कर क्या करुँगी ...
सारा अहम् दो वाक्यों में बह गया ...
कहो ना प्यार है! बहुत खूब ...
ReplyDeleteवाह बहुत खूब विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
ReplyDeleteमीठी सी पोस्ट....:)
ReplyDeleteसच में सब चीजें एक दूसरे से ऐसी जुड़ी हैं कि कोई किसी के बगैर नही रह सकता। या यूं कहें कि मुश्किल से रह पाता है। बहुत सुंदर
ReplyDeletebadiya pyaree pyar bharee post.
ReplyDeleteजिसने दिल में जगह बना ली हो उसे यूँ ही तो नहीं भुलाया जा सकता, लाख छुपाओ चेहरा बता ही देता है....
ReplyDeleteबहुत बढ़िया दिल्ली जज्बात ...
निषेध से स्वीकार में प्रबलता आती है. अच्छा लगा शब्द चित्र.
ReplyDeletevery good :)
ReplyDeleteजीवन के कुछ नाज़ुक पल ... कुछ यादें ... कुछ लड़कपन ... और फेस बुक .... बहुत कुछ कह गयी ये बातें ....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर, लाजवाब रचना| धन्यवाद|
ReplyDeleteबहुत कोमल सा मधुर एहसास.... लाजवाब रचना| धन्यवाद|
ReplyDeleteबहुत अच्छी रचना
ReplyDeleteकभी मेरे ब्लॉग पर भी आये मेरे ब्लॉग पर आने के लिए "यहाँ क्लिक करे"
आप सभी लोग जरुर आना कुछ कमी भी लगे तो कमेंट्स के माध्यम से जरुर बताना! क्योकि ब्लॉग अभी प्रारंभिक अवस्था में है!
wow facebook is very common among us... neautiful writeups.. Bahut sundar tareeke se likhi aik alag see kahani aur bhavnaon ka aveg kaise niklta hai..sachhai chhipi nahi rehti chaahe kitna gussa ho..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर,
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रयास....
ReplyDeletebahut khoob likhti nhein aap ...
ReplyDeletepyari post
ReplyDeleteaccha hai....ye sasura facebook luv stories men bhi ghus raha hai...:)
ReplyDeletekya baat hai kya baat hai kya baat hai :D
ReplyDeletehttp://shayaridays.blogspot.com
wah wah!!!!! ye to bahut badhiya hai !!!
ReplyDelete