जब भी ईद आती है तो जुबां पर सेवईयों की मिठास उभर आती है और साथ में याद आता है डिग्री कालेज जहाँ मैं कंप्यूटर पढ़ा रही थी दिवाली पर एक बड़ा आयोजन किया था तो ईद पर उम्मीदें बढ़ गई थी स्टुडेंट्स की कुछ तो ख़ास होगा ...समझ में नहीं आ रहा था कैसे मनाये कुछ संकोच भी था काफी स्टुडेंट्स थे ..... ईद मनाने के नाम पर सिर्फ सेवईयों और चाँद के अलावा कुछ भी नहीं पता था ,कंप्यूटर क्लास की फीस मात्र 80 /- रुपये थी हर वर्ग की छात्राएं थी ...जब कोई हल नहीं मिला तो छात्राओ से ही सुझाव मांगे गए और उनका उत्साह और जोश देखकर मानो हमारी सारी परेशानिया छूमंतर हो गई ... स्टुडेंट्स ने हमको सारी तैयारी से बरी कर दिया ईद मनाने का मौक़ा ज्यादातर स्टुडेंट्स को कभी नहीं मिला था तो वो भी बेहद उत्साहित थी ईद के एक दिन बाद का दिन तय हुआ ...जब हम पहुंचे क्लास का सारा फर्नीचर बाहर था ..फर्श पर दरी के ऊपर खुबसूरत फूलों और बूटों से सजी चादरें बिछी थी बोर्ड पर नमाज़ पढ़ती लड़की का स्केच था, सेवियों की मीठी मीठी खुशबू आ रही थी सब एक दुसरे से गले मिले और ईद की मुबारकबाद दी,कुछ छात्राओ ने ईद की अहमियत भी बताई संकोच के परदे हट रहे थे अब मौहोल बेहद सहज हो चला था ....सारी मुस्लिम छात्राए अपने घरों से सेवइया लाइ थी ... डिब्बे खुले पर हर डिब्बा अलग किसी में केसर ,कोई मेवे से भरा ,तो किसी में सिर्फ सेवइया, कुछ चेहरों में संकोच उभर आया ...फिर धर्मसंकट ईद में अगर एक दिल में भी कसक रह गई तो दिल में हमेशा खटकेगा .... तभी एक छात्रा एक बड़ा बर्तन ले आई और सारी सेवइया मिला दी ....कुछ निगाहें तल्ख़ हुई ,कुछ मायूस और कुछ में मासूमियत भरी मुस्कान बिखर गई ......और वो ईद बेहद मीठी और यादगार ईद बन गई ... उसके बाद हर ईद पर सेवईयों को मिस करते है
आप सभी की ईद मीठी हो ...
आप सभी की ईद मीठी हो ...
एक बार हम मिलें , बातों बातों में यादों में मिठास भर दें .... ईद मीठी हो
ReplyDeleteस्मृतियों की मिठास।
ReplyDeleteमैंने पहली बार ईद शारजाह में अपने पाकिस्तानी दोस्त और उनके परिवार के साथ मनाई थी.. बस तब से ईद हमारे त्यौहारों में शामिल है!!
ReplyDeleteहमने भी पाठशाला में मीठी-मीठी ईद मनाई ! खूब सेवैयाँ खाईं | इसके साथ-साथ बालुश्याही,गुलाबजामुन और रसगुल्लों जैसी ही मीठी ईद | आप सबको ईद मुबारक :-)
ReplyDeleteईद मुबारक !
ReplyDeleteसादर
बहुत-बहुत बधाई ||
ReplyDeleteबढ़िया प्रस्तुति ||
ईद मुबारक
ReplyDeleteऐसी ईद को कौन नहीं मिस करेगा।
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनाएं।
समय मिले, तो हमारे घर सिंवई खाने आएं।
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चित्रावलियाँ।
कसौटी पर शिखा वार्ष्णेय..
आपको भी सपरिवार ईद की हार्दिक मुबारकबाद!
ReplyDeleteeid mubarak...
ReplyDeleteईद की सेवइयों की मिठास ही कुछ और होती है..
ReplyDeleteईद मुबारक!!
The bunch of
ReplyDelete"FLOWERS"
Is being specially
Delivered to u
And yoUr family.
Just to say
"EID MUBARAK"
सुन्दर प्रस्तुति...ईद मुबारक़
ReplyDeleteसरलता से बहुत अच्छी बात कही है.
ReplyDeleteयदि मीडिया और ब्लॉग जगत में अन्ना हजारे के समाचारों की एकरसता से ऊब गए हों तो कृपया मन को झकझोरने वाले मौलिक, विचारोत्तेजक आलेख हेतु पढ़ें
अन्ना हजारे के बहाने ...... आत्म मंथन http://sachin-why-bharat-ratna.blogspot.com/2011/08/blog-post_24.html
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ReplyDelete.
यादों की सिवैयाँ खाकर लिखी गयी पोस्ट !
सुंदर ! ईद की मुबारकबाद..!
कल 1/09/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
पिछले कमेन्ट मे तारीख गलत हो गयी कृपया क्षमा करें।
ReplyDeleteकल 2/09/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
खूबसूरत!
ReplyDeleteतो मेरठ से हैं आप!
बढ़िया है!
आशीष
तभी एक छात्रा एक बड़ा बर्तन ले आई और सारी सेवइया मिला दी ....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर....
ईद की सादर बधाइयां....
मीठी यादें ...
ReplyDelete"फिर धर्मसंकट ईद में अगर एक दिल में भी कसक रह गई तो दिल में हमेशा खटकेगा .... तभी एक छात्रा एक बड़ा बर्तन ले आई और सारी सेवइया मिला दी ....कुछ निगाहें तल्ख़ हुई, कुछ मायूस और कुछ में मासूमियत भरी मुस्कान बिखर गई ......और वो ईद बेहद मीठी और यादगार ईद बन गई"
ReplyDeleteनायाब
क्या बात है यही तो है त्योहारों की मिठास.
ReplyDeleteबहुत ही बढि़या ।
ReplyDeleteमधुर बचपन की यादों में चला गया मन ...ईद की मीठी सिवईयां आज भी मिठास भर देती हैं ..कितने स्नेहमई सुहाने थे वो फुर्सत के दिन.....ईद की हार्दिक शुभ कामनाएं !!!!
ReplyDeleteऐसी सेवियों का मज़ा ही कुछ और होता है ...
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