हे देवी माँ सच्ची अब लिमिट की भी लिमिट क्रोस हो गई है या तो हमें दे दो अष्टभुजा या हम भी चले नौ दिन के अनशन पर, आपके सामने से हटेंगे नहीं, एक तो आपकी मोहिनी सूरत ऊपर से शेर और इतने सारे शस्त्र (लाइसेंस है क्या ?) कोई इम्प्रेस नहीं होगा तो क्या होगा, लाइन तो लगेगी ही ना ,आप तो सुपरवूमन हो और अपन ठहरे आम भारतीय नारी सुबह से मशीन की तरह जो स्टार्ट होते है रात बिस्तर पर उल्लुओं और झींगुर को गुड नाईट बोलकर सोने जाते है कई बार चौकीदार भी दांत दिखाता है "मेमसाब आप तो जाग ही रही है कहें तो मैं थोड़ी देर झपकी मार लूं ". दिन भर की चढ़ी मेकअप की परत के साथ नकली मुस्कान को भी उतार कर किनारे रखते है ..अगले दिन सुबह सुबह फिर जो चिपकानी होगी होंठों पर ,.. इतना टाइम नहीं होता हमारे पास कि जवाब दे सके "क्या हुआ?" "चेहरे पर बारह क्यों बजे है ","तबियत ख़राब है क्या ". अजी सरदर्द ,कमर दर्द,एसिडिटी ये सब तो खाली बैठे लोगों के शगल है ये राजरोग भोगने और आराम से सबको सुनाने लगे तो पहुँच गए बच्चे स्कूल और पतिदेव और हम ऑफिस. हम नॉन-स्टॉप चलते है कितनी बार पानी पी पी कर भेजा (इंजन ) ठंडा करना पड़ता है ,सच कह रही हूँ माँ कई बार बंद करने की कोशिश की पर इमोशनल धक्के मार मार कर स्टार्ट करवा दी गई. कुछ नहीं तो अपना शेर की भेज दो कुछ दिनों के लिए कितना गुर्राते है सब एक बार दहाड़ देगा ना मेरे फेवर में तो बॉस से बिग-बॉस तक सबकी बोलती बंद. मां अपनी ट्रिक हमारे साथ भी तो शेयर करो कैसे सारे के सारे आपके सामने सर झुका देते है और कान पकड़ कर खड़े रहते है जबकि आप तो बस मुस्कुराती रहती हो कुछ कहती भी नहीं और यहाँ हमने बोलने को मुहं खोला वहां सामने वाला कान बंद करके निकल लेता है. कुछ तो मैजिक करती ही हो आप की एक झलक के लिए पहाड़ चढ़ जाते है नंगे पैर दौड़े आते है दारु -चिकन मटन सब छोड़ देते है , यहाँ तो कहते कहते कलेंडर की तारीखे बदल गई पर कुछ नहीं होता कभी कभी लगता है सुबह की चाय की तरह हमारी चक चक की भी आदत पड़ गई है. अरे आप तो मुस्कुराने लगी सोच रही होंगी कितनी शिकायत करती है ये लड़की पर क्या करूं आपसे नहीं कहूँगी तो किससे कहूँगी पर प्रोमिस कीजिये हमारे सारे अकाउंट (प्रोब्लेम्स वाले ) इसी साल सेटल करेंगी और सिर्फ खुशिया की कैरीफॉरवर्ड होंगे टेंशन ,दुःख और आंसू नहीं आपको छ महीने की डेडलाइन देती हूँ वरना अप्रैल में पक्का बैठ जाउंगी अनशन पर अब अन्ना शीतकालीन सत्र का वेट कर सकते है तो मैं क्यों नहीं .
http://epaper.inextlive.com/
बढिया है
ReplyDeleteबहुत मजा आया पढते हुये
प्रणाम
सही है, लगे रहो सफलता जरूर मिलेगी
ReplyDeleteमाँ मान ही जाएँगी
बहुत मजेदार पोस्ट
आपको भी शुभकामनायें।
ReplyDeleteहा हा ... मजेदार व्यंग ... माँ जायंगी माँ ... भोली होती हैं बहुत ...
ReplyDeletemajedar
ReplyDeleteमाँ लाईसेंस तो होगा ही... अच्छी डिमांड है
ReplyDeleteबहुत मजेदार पोस्ट| शुभकामनायें।
ReplyDeleteवाह वाह बहुत ही मज़ेदार्। ये भी देखियेगा………http://vandana-zindagi.blogspot.com
ReplyDeleteमाँ अवश्य सुनेंगी अपने बच्चों की फ़रियाद!!
ReplyDeleteवाह बहुत मज़ेदार पढ़कर बहुत मज़ा आया सच अब तो कुछ करना ही पड़ेगा देवी माँ को :)
ReplyDeleteसमय मिले तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
http://mhare-anubhav.blogspot.com/
The more different are among them, in my point of view, Very well written and certainly a pleasure to get into a blog
ReplyDeleteFunny Photo
आप शादीशुदा हैं, ये समाचार है मेरे लिए!
ReplyDeleteसब ठीक हो जाएगा!
आशीष
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लाईफ़?!?
आपको छ महीने की डेडलाइन देती हूँ वरना अप्रैल में पक्का बैठ जाउंगी अनशन पर अब अन्ना शीतकालीन सत्र का वेट कर सकते है तो मैं क्यों नहीं . ...
ReplyDeleteअच्छा व्यंग है ...
अच्छा व्यंग ,,,, मजेदार पोस्ट| शुभकामनायें।
ReplyDeleteसोनल जी,
ReplyDeleteभारत की किसी भी भाषा में लिखें चाहे वो हिंदी हो, पंजाबी हो, गुजराती, मराठी, उर्दू, बंगाली या नेपाली में लिखने वाला विजेट अपने इस ब्लॉग के लेफ्ट बार में लगाएं साईज 250X250. विजेट प्राप्त करने के लिए इस इस लिंक पर कलिक करें
माता को वुमेन कहा.........नहीं उचित यह बात.....
ReplyDeleteउलटी सीधी बात से...........भावों पर आघात......
भावो पर आघात.............तथ्य मत तोड़ो मोड़ो....
जिस पल जैसी रीति.........नीति उससे बस जोड़ो..
कहि मनोज अरि देख अब......मत कर मां का जाप..
निज मन देख टटोल कर........माता तो तू आप....
आपकी भक्ति-भावना से भरी प्रस्तुति अच्छी लगी । मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।
ReplyDeleteI was more than happy to find this web-site.I wanted to thanks for your time for this excellent read!! I definitely enjoying every little bit of it and I’ve you bookmarked to take a look at new stuff you weblog post.
ReplyDeleteजगजीत सिंह आधुनिक गजल गायन की अग्रणी है.एक ऐसा बेहतरीन कलाकार जिसने ग़ज़ल गायकी के सारे अंदाज़ बदल दिए ग़ज़ल को जन जन तक पहुचाया, ऐसा महान गायक आज हमारे बिच नहीं रहा,
उनके बारे में और अधिक पढ़ें : जगजीत सिंह
:-)
ReplyDeleteमाँ सोच में पड़ी हैं........
अनु
fine,funny, and full of humour ! bahut ruchikar !
ReplyDeleteबहुत खुब, बहुत अच्छा। आपकी भक्ति-भावना से भरी प्रस्तुति अच्छी लगी ।
ReplyDeleteमैं एक Social worker हूं और समाज को स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां देता हुं। मैं Jkhealthworld संस्था से जुड़ा हुआ हूं। मेरा आप सभी से अनुरोध है कि आप भी इस संस्था से जुड़े और जनकल्याण के लिए स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां लोगों तक पहुचाएं। धन्यवाद।
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