पाया है थोडा
गंवाया बहुत
ज़िन्दगी ने यूँही
सताया बहुत
मुस्कान का टीका
माथे पे रखकर
आँखों को मेरी
रुलाया बहुत
आसमां की छत पे
लटका के चन्दा
पूनम की रातों ने
लुभाया बहुत
यूँही छू बैठे
जुल्फें उनकी
भोर तलक हमको
सुनाया बहुत
हमराज़ बने
हमख्याल बने
निभाया तो कम
हाँ मिटाया बहुत
सहेजे जो सपने
जाया हुए
इंतज़ार ने उसके
जगाया बहुत
गंवाया बहुत
ज़िन्दगी ने यूँही
सताया बहुत
मुस्कान का टीका
माथे पे रखकर
आँखों को मेरी
रुलाया बहुत
आसमां की छत पे
लटका के चन्दा
पूनम की रातों ने
लुभाया बहुत
यूँही छू बैठे
जुल्फें उनकी
भोर तलक हमको
सुनाया बहुत
हमराज़ बने
हमख्याल बने
निभाया तो कम
हाँ मिटाया बहुत
सहेजे जो सपने
जाया हुए
इंतज़ार ने उसके
जगाया बहुत
आसमां की छत पे
ReplyDeleteलटका के चन्दा
पूनम की रातों ने
लुभाया बहुत
...बहुत कोमल अहसास...सुन्दर अभिव्यक्ति..
paana hamesha kam hota hai...
ReplyDeleteयूँही छू बैठे
ReplyDeleteजुल्फें उनकी
भोर तलक हमको
सुनाया बहुत.
जुल्फें रंग कर बैठे होंगे तुमने छू कर खराब कर दिया तो सुनायेंगे ही:):)
मजाक से इतर बहुत सुन्दर पंक्तियाँ हैं.
जो नहीं मिला, समझो गवाँ दिया।
ReplyDeleteबहुत अच्छे भाव,बधाई !
ReplyDeleteBehad hi khubsurat rachna....
ReplyDeleteKhaaskar ye panktiyan..
मुस्कान का टीका
माथे पे रखकर
आँखों को मेरी
रुलाया बहुत
आसमां की छत पे
लटका के चन्दा
पूनम की रातों ने
लुभाया बहुत
bahuto ne bina paaye ganwaya hai:):):)
ReplyDeletekhubsurat rachna!
ReplyDeleteहमराज़ बने
ReplyDeleteहमख्याल बने
निभाया तो कम
हाँ मिटाया बहुत
मन को छूती पंक्तियाँ ... अच्छी प्रस्तुति
बहुत ही सुंदर रचना सोनल ! ये पंक्तियाँ दिल के बहुत करीब पाईं -
ReplyDelete"हमराज़ बने
हमख्याल बने
निभाया तो कम
हाँ मिटाया बहुत"
बधाई !
सहेजे जो सपने
ReplyDeleteजाया हुए
इंतज़ार ने उसके
जगाया बहुत ...
प्यार के इंतज़ार है ये ... देर तक जगायेगा ... सपनो को सभालना ही ठीक है ... जाया न होने दें ....
पाया है थोडा
ReplyDeleteगंवाया बहुत
ज़िन्दगी ने यूँही
सताया बहुत
bahut khoobsoorat shabd rachnaa
har ek ko lagtaa satayaa gayaa bahut
jo dhoondoge duniyaa mein
paaoge apne se bhee dukhee bahut
मुस्कान का टीका
ReplyDeleteमाथे पे रखकर
आँखों को मेरी
रुलाया बहुत
बहुत सुन्दर
कोमल एहसास!
ReplyDeleteHi..
ReplyDeleteAgar pyaar karte the, dil main hi rakhte..
Jo tha pyaar dil main, bataya na hota..
Agar dil main usko, bithaya na hota..
To 'usne' kabhi bhi, sataya na hota..
Aaj kuchh samay upraant fir lauta hun..kavitaon ka rasaswadan karne, koshish karunga hamesha ki tarah aapke blog par apni upasthti darz karta rahun..
Sundar bhav..hamesha ki tarah..
Deepak Shukla
अद्भुद अद्भुद... बहुत सुंदर
ReplyDeleteLovely.. truly beautiful :)
ReplyDeleteहमराज़ बने
ReplyDeleteहमख्याल बने
निभाया तो कम
हाँ मिटाया बहुत" khubsurat rachna....
bahut acha likhti hain aap
ReplyDeletewah kya baat hai....shikayat ka ye andaaz bhi jabardast raha.
ReplyDeletebadhayi.
यकीन नहीं आता कि ये वही सोनल हैं... ये उदासी हर समय अच्छी नहीं.. कविता ज़रूर बहुत अच्छी है!!!
ReplyDeleteVah kya baat hai! Bahut sunder!
ReplyDeletebahut acche
ReplyDeleteहमराज़ बने
ReplyDeleteहमख्याल बने
निभाया तो कम
हाँ मिटाया बहुत"
alag andaj shikayt ka yah bhi achha laga
ग़ज़ब!
ReplyDeleteमिले जो ख़ुशी के दो चार पल लगता है उधार मिले
ReplyDeleteजिसको देखो वही सुक्रिया अदा करता है
प्रेम में अपना पराया कुछ न था
किसी ने अहसान का पत्थर फेंक कर हलचल मचा दी ///