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Tuesday, November 15, 2011

पाया है थोडा गंवाया बहुत ......

पाया है थोडा
गंवाया बहुत
ज़िन्दगी ने यूँही
सताया  बहुत
मुस्कान का टीका
माथे पे रखकर
आँखों को मेरी
रुलाया बहुत
आसमां की छत पे
लटका के चन्दा
पूनम की रातों ने
लुभाया बहुत 
यूँही छू बैठे
जुल्फें उनकी
भोर तलक हमको
सुनाया बहुत
हमराज़ बने
हमख्याल बने
निभाया तो कम
हाँ मिटाया बहुत
सहेजे जो सपने
जाया हुए
इंतज़ार ने उसके
जगाया बहुत
 

26 comments:

  1. आसमां की छत पे
    लटका के चन्दा
    पूनम की रातों ने
    लुभाया बहुत

    ...बहुत कोमल अहसास...सुन्दर अभिव्यक्ति..

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  2. यूँही छू बैठे
    जुल्फें उनकी
    भोर तलक हमको
    सुनाया बहुत.
    जुल्फें रंग कर बैठे होंगे तुमने छू कर खराब कर दिया तो सुनायेंगे ही:):)
    मजाक से इतर बहुत सुन्दर पंक्तियाँ हैं.

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  3. जो नहीं मिला, समझो गवाँ दिया।

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  4. बहुत अच्छे भाव,बधाई !

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  5. Behad hi khubsurat rachna....

    Khaaskar ye panktiyan..


    मुस्कान का टीका
    माथे पे रखकर
    आँखों को मेरी
    रुलाया बहुत
    आसमां की छत पे
    लटका के चन्दा
    पूनम की रातों ने
    लुभाया बहुत

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  6. हमराज़ बने
    हमख्याल बने
    निभाया तो कम
    हाँ मिटाया बहुत
    मन को छूती पंक्तियाँ ... अच्छी प्रस्तुति

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  7. बहुत ही सुंदर रचना सोनल ! ये पंक्तियाँ दिल के बहुत करीब पाईं -

    "हमराज़ बने
    हमख्याल बने
    निभाया तो कम
    हाँ मिटाया बहुत"

    बधाई !

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  8. सहेजे जो सपने
    जाया हुए
    इंतज़ार ने उसके
    जगाया बहुत ...

    प्यार के इंतज़ार है ये ... देर तक जगायेगा ... सपनो को सभालना ही ठीक है ... जाया न होने दें ....

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  9. पाया है थोडा
    गंवाया बहुत
    ज़िन्दगी ने यूँही
    सताया बहुत
    bahut khoobsoorat shabd rachnaa

    har ek ko lagtaa satayaa gayaa bahut
    jo dhoondoge duniyaa mein
    paaoge apne se bhee dukhee bahut

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  10. मुस्कान का टीका
    माथे पे रखकर
    आँखों को मेरी
    रुलाया बहुत

    बहुत सुन्दर

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  11. Hi..

    Agar pyaar karte the, dil main hi rakhte..
    Jo tha pyaar dil main, bataya na hota..
    Agar dil main usko, bithaya na hota..
    To 'usne' kabhi bhi, sataya na hota..


    Aaj kuchh samay upraant fir lauta hun..kavitaon ka rasaswadan karne, koshish karunga hamesha ki tarah aapke blog par apni upasthti darz karta rahun..

    Sundar bhav..hamesha ki tarah..

    Deepak Shukla

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  12. अद्भुद अद्भुद... बहुत सुंदर

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  13. हमराज़ बने
    हमख्याल बने
    निभाया तो कम
    हाँ मिटाया बहुत" khubsurat rachna....

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  14. wah kya baat hai....shikayat ka ye andaaz bhi jabardast raha.

    badhayi.

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  15. यकीन नहीं आता कि ये वही सोनल हैं... ये उदासी हर समय अच्छी नहीं.. कविता ज़रूर बहुत अच्छी है!!!

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  16. Vah kya baat hai! Bahut sunder!

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  17. हमराज़ बने
    हमख्याल बने
    निभाया तो कम
    हाँ मिटाया बहुत"
    alag andaj shikayt ka yah bhi achha laga

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  18. मिले जो ख़ुशी के दो चार पल लगता है उधार मिले

    जिसको देखो वही सुक्रिया अदा करता है

    प्रेम में अपना पराया कुछ न था

    किसी ने अहसान का पत्थर फेंक कर हलचल मचा दी ///

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