तुमको मेरी याद आएगी ?
कुहासे की शीतल छुअन के साथ
साँसों की सुलगी तपन के साथ
ये रुत भी बीत जायेगी
तुमको मेरी याद आएगी ?
चाय की चुस्की के साथ
बर्फीली हवा की घुड़की के साथ
जब सन्नाटी रात सताएगी
तुमको मेरी याद आएगी ?
गुलाबी से मौसम नीला होगा
गालो का रंग जर्द पीला होगा
आँखे भाप से धुन्ध्लायेगी
तुमको मेरी याद आएगी ?
सिहरते , सुलगते एहसास और एक बर्फ हुआ जाता प्रश्न
ReplyDeleteYaaden mausam ki mohtaaj nahi hoti wo to hamesa bani rahti hai keval mausam ke badalne ke saath-saath aur uugr hoti jati hai.
ReplyDeleteFir bhi sunder vichar hain.
yaaden to aise bhi aa jati hai kabhi kabhi:))
ReplyDelete.
ReplyDeleteसुन्दर रचना, मुग्ध करते भाव, सादर.
वाह!
ReplyDeleteबेहतरीन कविता।
सादर
मन के गहरेपन में छिपती एक कहानी बैठी है।
ReplyDeleteवाह ...बहुत खूब ।
ReplyDeleteबहुत खूब...वाह ।
ReplyDeleteआएगी आएगी ..हमेशा आएगी :)
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सोनल.
कुहासे की शीतल छुअन के साथ
ReplyDeleteसाँसों की सुलगी तपन के साथ
ये रुत भी बीत जायेगी
तुमको मेरी याद आएगी ?.......दिन को झकझोरें वाली पंक्तियाँ ,पहली बार ब्लॉग पर आना हुआ,लगा जिसे अपने ही ब्लॉग पर आई हूँ ,काफी कुछ एक सा है हम दोनों के ब्लॉग में :)... सुंदर ब्लॉग और उम्दा कविता....बधाई स्वीकारें....
सोनल जी...
ReplyDeleteआपकी कविता हमेशा मन को छूती है...आज की कविता पढ़कर भी
कुछ पंक्तियाँ मन में आयीं हैं...नहीं लिखीं तो जाने कहाँ गायब हो जाएँगी....आप भी पढ़ें...
हर क्षण, पल-पल में तेरी ही..
याद में तिल-तिल जलता होगा..
बिन आंसू बरसात के भी वो...
याद तुम्हारी करता होगा....
ठण्ड, कुहासे में लिपटी सी...
भोर सर्द जब आती होगी...
अपनी आखों में तेरी ही...
अनुकृति देख संवारता होगा...
याद तुम्हारी करता होगा....
कोई जब मुस्का कर देखे...
तेरी तरह लजा कर देखे...
उन सबकी अनदेखी करके...
खुद में रोज़ सिमटता होगा...
याद तुम्हारी करता होगा....
कोई भी रुत हो रंगीन सी...
गर्मी हो या हो सर्दी ही....
तुझ बिन हर वसंत अधूरा...
पतझड़ सा मन रहता होगा...
याद तुम्हारी करता होगा....
इतनी मधुर कविता पढने का हमें अवसर देने के लिए आपका हार्दिक आभार...
शुभकामनाओं सहित...
सादर...
दीपक शुक्ल...
उत्कृष्ट और भावपूर्ण....
ReplyDeleteसुन्दर विरहाभिव्यक्ति।
ReplyDeleteकोमल भावो की बेहतरीन अभिवयक्ति.....
ReplyDeleteकल 25/12/2011को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
कुहासे की शीतल छुअन के साथ
ReplyDeleteसाँसों की सुलगी तपन के साथ
ये रुत भी बीत जायेगी
सुन्दर अभिव्यक्ति
सुन्दर खयालात.... बढ़िया रचना....
ReplyDeleteमेरी क्रिसमस....
चाय की चुस्की के साथ
ReplyDeleteबर्फीली हवा की घुड़की के साथ
जब सन्नाटी रात सताएगी
तुमको मेरी याद आएगी ?
यादें तो हर पल साथ रहती हैं ... और फिर इस सन्नाटे में यादों के अलावा कौन आयगा ...
बहुत खूब!...बहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति..क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteबहुत उम्दा लिखा हैं आपने ..
ReplyDeleteपरिचय करवाने के लिए आपका आभार
आपका मेरे ब्लॉग पर हार्दिक अभिनन्दन
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भई बहुत सुन्दर प्रस्तुति वाह!
ReplyDeleteमौसम आयेंगे जायेंगे ... बहुत सुंदर!
ReplyDeleteगुलाबी से मौसम नीला होगा
ReplyDeleteगालो का रंग जर्द पीला होगा
आँखे भाप से धुन्ध्लायेगी
तुमको मेरी याद आएगी ...
उनकी याद दिल से जाती ही नहीं .. आप तो लौटाने के बात करते हो ... बहुत ही खूबसूरत एहसास लिए ...
खूबसूरत रचना...
ReplyDeleteयादों की छांव में बेठे है और तरानों की मुंडेर पर जाने तुम कब आओगे...
रुत आती रुत जाती है , बस यादे भर दे जाती है
ReplyDeleteन जाने ये प्यास है कैसी पीते बढ़ती जाती है
हरदम सावन रहता है रिमझिम प्रेम बरसता है
पी कहाँ पपीहा बोल रहा , पर मन तो रीता रहता है
तुमको मेरी याद आएगी ?...बहुत सुंदर रचना ।
ReplyDeleteसही बात जो अपना होता है उसकी याद हमेशा ही आती है...
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति.