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Tuesday, May 8, 2012

देखो रूठा ना करो ...


ओह तो ये तुम हो,,,, उसने अपनी उनींदी आँखे खोलते हुए कहा ,
तो रात के ढाई बजे अपने बेडरूम में तुम किसे एक्स्पेक्ट कर रही थी उसकी  की आवाज़ में झुंझलाहट थी ,
 "सलमान खान को ... उसने  मुस्कुराते हुए जवाब दिया.
जिनके पति रात देर से आते है उन्हें बीवी की नाराजगी डर रहता है ...पर तुम्हारा मैं क्या करूँ ?
मेरा क्या है मुझे कितनी प्राइवेसी देते हो तुम ...कितनी लकी हूँ मैं , और तो और बिलकुल पजेसिव भी नहीं हो मेरे बारे में तभी तो सुबह १० से रात ढाई बजे तक एक बार कॉल नहीं किया ....रिअली लव यू ,
क्यों भिगो -२ कर मार रही हो बेचारे गरीब को ...बताया ना ऑफिस में बहुत काम है बाद ये हफ्ता फिर हम दोनों साथ रहेंगे ....कहीं घूमने  का प्लान करे उसने मीठी आवाज़ में कहा
अरे नहीं ..इस दुनिया में सबसे अच्छी जगह अपना घर ...मेरा तो कहीं जाने का मन ही नहीं करता, पता नहीं लोगों को किस बात की कमी लगती है जो फोरन टूर पर या नैनीताल ,शिमला में ढूंढते है ...अभी तो गए थे दो साल पहले वो मुस्कुराते हुए बोली
आज देवी फुल मूड में है एक एक करके वार कर रही है हर वर पिछले से तीखा ... वो मन ही मन मुस्काया
बाय द वे, ये ताने तुमने कही से याद किये है या तुम्हारी क्रियेशन है ...सुपर्ब उसने शरारत से बोला
लो मैं तो तुमारी तारीफ़ कर रही हूँ और तुम्हे ताने लग रहे है ....ऐसा जीवन साथी किस्मत वालो को मिलता है
 बस तुम तारीफ़ ही मत किया करो ...चाशनी भरी बातें मेरी जान ले लेंगी
मैं तो तुम्हारे प्यार में इतनी अंधी हूँ के तुम यहाँ हफ्ते हफ्ते भी नहीं रहते पर मुझे लगता ही नहीं के तुम यहाँ नहीं हो .... ऐसे छाये हुए हो मेरे दिल ओ दिमाग पर ..... उस मुकाम पर पहुँच गया है मेरा प्यार ....
अरे सुनो कल शाम की flight  है सिंगापूर की पांच  दिन लगेंगे ..प्लीज़ packing कर देना
तुम हमारी  एनिवर्सरी पर  भी यहाँ नहीं रहोगे .... I HATE YOU  उसकी आँखे भीग गई
मैडम packing दोनों की करनी है उसने मुस्कुराते हुए दो टिकेट उसके हाँथ में रख दिए ....फिर



38 comments:

  1. How sweet :)..जो भी हैं बस यही कुछ पल हैं.

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  2. तुम जो आओ तो प्यार आ जाए,
    ज़िंदगी में बहार आ जाए!!
    .
    बहुत दिनों बाद सिर्फ संवादों में कोई लघुकथा पढ़ी!! दिल खुश हो गया!!!

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  3. ओए-होए...देवी जी आज फूल मूड में हैं :)

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  4. <3
    happy ending...............
    i love it!!!!

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  5. बहुत ही मजेदार और संस्पेंसफुल....

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  6. बहुत ही मजेदार और संस्पेंसफुल....

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  7. प्यारी सी लघुकथा है सोनल जी.

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  8. bahut bahut samay baad yahan ana hua...or tabiyat khush ho gayi...mun bheeg gaya...

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  9. डॉयलाग सुनकर ही पसीने छूट रहे हैं, अगर हो जाये तो बस.... जबरदस्त

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  10. चुटकी में ही महाभारत की पृष्ठभूमि खुशियों में बदल दी!

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  11. देखो रूठा न करो ...

    बहुत सुंदर !!

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  12. मनाने रूठने और फिर मानाने का जो मज़ा है कह कों ही नसीब होता है ...
    मज़ा आ गया इस नोक्झौंक का ...

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  13. रोमांच भी और रोमांस भी ,
    बहुत खूब|

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  14. बहुत बेहतरीन रचना....
    मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।

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  15. अंदाज अपना अपना
    बहुत खूब

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  16. बहुत सुंदर संवाद के साथ अंत हुआ इस लघु कथा का :):)

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  17. यह अंदाज़ पसंद आया...
    :)

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  18. awwww...........toooooo good. abse main bhi aise hi tane diya karungi...hihi

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  19. खुबसूरत रुसवाईयों का तिलस्म है शब्दों में...
    रुसवाईयों की कशमकश में कभी कभी जिंदगानी मुस्कुराती है...कभी रूठ भी जाती है मगर मुस्कुराने का सलीका नहीं भूलती ये जिंदगानी

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  20. जिन्दगी मुस्कुराती है. बहुत खूब अंदाज

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  21. .

    अंत भला सो भला …

    अच्छी लघुकथा है सोनल जी
    बहुत सुंदर !

    और गीत देखो रूठा ना करो … के लिए स्पेशल थैंक्स !
    अभी सुना नहीं है रात को सुनूंगा … :)

    हार्दिक मंगलकामनाओं सहित…
    -राजेन्द्र स्वर्णकार

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  22. ये गीतों भरी कहानी हम सभी की दास्तान है. रूठने से भी क्या होगा.

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  23. कहानी के अंत से मन की आंखें भींग गई।

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  24. सुन्दर प्रस्तुति

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  25. सुन्दर प्रस्तुति । कहानी का अंतिम भाग मन को दोलायमान कर गया । मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।

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  26. Khubsurat aur pyaar ke rang se bheengee prabhaavshaali kahani...

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  27. क्या बात है जी! शानदार! :)

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  28. सुन्दर प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...

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  29. शानदार कहानी ..
    तमाम मुसीबतों के बीच ज़िन्दगी की मुस्कान समेटे ..

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