(पुरानी डायरी के पन्नो से ......)
एक बात कहूं गर करो यकीं
ऐसा पहले कुछ हुआ नहीं
जैसा पल पल अब होता है
जैसा हर पल अब होता है
मैं जगते जगते सोती हूँ
और सोते से जग जाती हूँ
रातों को करवट लेती हूँ
ना जाने क्यों मुस्काती हूँ
अन्जानी सी सिरहन कोई
भीतर से अक्सर उठती है
जो कह देते हो बात कोई
क्यों मेरी आँखे झुकती हैं
जादू तो तुमने किया नहीं
ख़ामोशी मैं सुन लेती हूँ
गुमसुम सी मैं हो जाती हूँ
लगता है कुछ पा जाती हूँ
खुद जाने क्यों खो जाती हूँ
पूछूं गर तो सच कहना
प्यार यही तो होता है :-)
--
Sonal Rastogi
सोलह आने यही होता है |
ReplyDeleteउम्मीद है उसने यकीं कर लिया होगा . पंक्तियाँ प्रेम पंक में डूबी हुई और हम आह्लादित .
ReplyDeleteएक गीत याद आया ...एक बात कहूँ गर मनो तुम ...
ReplyDeleteसुन्दर ..
तुम्हारी डायरी में बहुत रत्न हैं निकालो सब एक एक करके.
अरे पुरानी डायरी का पन्ना ????
ReplyDeleteहम तो लेटेस्ट समझ कर एक्साइटेड हो गए थे :-)
खैर प्यार जब भी हो...
सुन्दर अति सुन्दर....
अनु
Sach kaha hai ... Pyar yahi hai ..
ReplyDeleteSab kuch kho jata hai ... Kya se kya ho jata hai ...
Lajawab diary ke panne ...
हाँ यही प्यार है ... मीठा - मीठा प्यारा - प्यारा .......
ReplyDeleteलगभग हर डायरी के पुराने पन्नो या पुरानी डायरी के पन्नो में प्यार यूँ ही सुरक्षित मिलता है बचकाना- सा!
ReplyDeleteसुन्दर !
:):) सहेज कर रखिए पन्नों को .... सुंदर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteयही सच है प्यार कुछ ऐसे ही होता है, कुछ अलग सा कुछ जुदा सा
ReplyDeleteबड़ी खूबसूरती से प्यार के सच को दिखाया है आपने।
ReplyDeletepyar jab bhi hota hai...sab kuch aisa hi hota hai...ek baat kahun gar karo yakeen....pehle pyar sa ehsaas koi nahin
ReplyDeletenaaz
Beautiful!! :)
ReplyDeleteवाकई आपने सही कहा था , आपको अपनी डायरी संभाल के रखनी भी चाहिए और कुछ हिस्से शेयर भी करने चाहिए !!! अच्छी कविता है !!!!
ReplyDeleteसुंदर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteप्यार के किस्से हमको निराले लगे ,बोलने के समय मुहँ में ताले लगे
हाल दिल का बताने जब हम मिले ,उस समय को हुयें हम लाचार हैं
प्यार से प्यारे मेरे जो दिलदार है ,जिनके दम से हँसीं मेरा संसार है
उनकी नजरो से नजरें जब जब मिलीं,उस पल को हुए उनके दीदार हैं