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Wednesday, October 14, 2009

मुहब्बत

बहुत खुबसूरत एहसास है मुहब्बत
इससे कैसे कोई इनकार करे
हर दिल की तमन्ना होती है
की उसको कोई प्यार करे

जो कहता है नहीं यकीन इस शह पर
असलियत में डरते है चोट खाने से
सिर्फ यही ऐसा जज्बा है
जिसमे मज़ा आता है दर्द पाने में

अपनी हसरतों को और ना छिपाओ अब
अपने महबूब के सामने खुलकर आजाओ अब
ज्यादा से ज्यादा इनकार हे तो कर देगा
दिल के इस एहसास को और ना दबाओ अब

2 comments:

  1. अपने मनोभावों को बहुत सुन्दर शब्द दिए हैं।

    जो कहता है नहीं यकीन इस शाह पर
    असलियत में डरते है चोट खाने से
    सिर्फ यही ऐसा जज्बा है
    जिसमे मज़ा आता है दर्द पाने में

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  2. " sunder bhavo ko aapne kiya hai kaid "

    ----- eksacchai { AAWAZ }

    http://eksacchai.blogspot.com

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