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Thursday, October 15, 2009

शुभ दीपावली

क्या वो गीतों की तरह गुन-गुन होगी
या वो पायल की तरह रुन-झुन होगी
क्या वो कलियों की तरह मुस्कुरा देगी
या वो झरने की तरह खिल- खिला देगी

खुश होगे तो आँखों में नज़र आएगी
दिल भरी होगा तो गालों पर बिखर जायेगी
क्या वो तारों सी झिल्मिलाएगी
या वो जुगनू सी टिमटिमाएगी

हाँ वो रोशन होगी हज़ार शमाओ से
कह देगी खामोश निगाहों से
उम्मीद करते हैं धनवैभव शुभ लाभ होगा
हर लम्हा दिवाली का चमकेगा हमारी दुआओं से

2 comments:

  1. जब हम भाषा से अपरिचित थे
    तब भी
    दिया करते थे शुभकामनायें,
    देवी देवताओं का अवतरण तो बहुत बाद की बात है
    तो पिछले सालों की मेरी समृद्धि और खुशियों के आधार में
    मनुष्यों की शुभकामनायें ही हैं...
    आपकी शुभकामनाएं

    आपके लिए ये रोशनी का त्यौहार मंगलमय हो!

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