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Thursday, July 7, 2011

बड़े मियाँ दीवाने

उम्र के उस मोड़ पर खड़े बड़े मियाँ अब आप नाम पूछोगे ,अमां यार रहने दो नाम जान कर कौन सा तीर मार लोगे बस आप तो इश्टोरी के मजे लो ,हाँ तो उम्र के उस मोड़ पर बड़े मियाँ  खड़े थे जहाँ जवानी छोड़ कर भागती है और बुढ़ापा अपनी ओर खींचता है और इंसान उसी लकीर पर तब तक खड़ा रहना चाहता है जब तक खड़ा रह सके ..पकते बाल पहले मेहँदी फिर हिजाब से रंगे जाते है ..महीन लकीरे दाढ़ी मूंछो से छुपाई जाती है ...हलके रंगों से गहरे रंगों की ओर फिर से दौड़ा जाता है .....और पड़ोस के जवान होते बच्चो को ध्यान से सुनकर ..नए शब्द और मुहावरे सीखे जाते है ...मतलब सींग तुड़ा कर ...समझ गए ना आप .

अब
बड़े मियाँ  तो अपने को स्मार्ट समझ रहे होते है और आसपास के बच्चे उनकी स्मार्टनेस देखकर ठहाके लगा रहे होते और नवयुवतिया समझने की कोशिश कर रही होती है "ये अंकल को हुआ क्या है ".  
बड़े मियाँ सोचते हाय हम इस समय जवान क्यों ना हुए इतनी रंगीन ज़िन्दगी तो हमारी जवानी में ना थी ,इतना खुलापन ,इतनी आज़ादी . अब बड़े मियाँ एक डोर पकड़ते है तो दूसरी हाँथ से छूट जाती है...इक चीज़ जो बड़े मियाँ की उम्र से ज्यादा तेजी से बढ़ रही है वो है उनका ईगो  गलती से एक हसीना (जिसपर ये फ़िदा थे ) अंकल कह कर निकल गई ..तो ईगो में आग लगनी थी तो लग गई पर फुकने से किसका भला हुआ है . आफिस में अपने टार्गेट हर रोज सेट करते आइये उनके टार्गेट देखे और समझे कोई फायदा नहीं टार्गेट धरे के धरे रह गए हिम्मत ही नहीं  जुटा पाए बड़े मियाँ
मीता- बहनजी टाइप, जिसने अपनी दुनिया अपनी चोटी में बाँध रखी   है अगर उसने अपनी चोटी खोली तो शायद भूकंप आ जाए .
रीता -जो दुनिया को अपनी जूती पर रखती है ,उसके द्वारा उच्चारित सुभाषित देल्ली बेल्ली को भी मात करते है .
अनीता -चालु चैप्टर जी इसी नाम से बुलाते है है उसे ,उसका कोई काम कभी नहीं अटकता और वो अपने साथ किसी को अटकने नहीं देती 


गीता -बेचारी मीता और अनिता के बीच का पात्र है मीठी होने की कोशिश में चिपचिपी हो जाते है और सब पीछा छुडाते नज़र आते है,अगर मीता के साथ रहती है तो परेशान और अगर अनिता के साथ तो महापरेशान .


सविता- इन २०+ कन्याओं में ये ४५  + महिला जो सामान भाव से सबसे मित्रता रखती है वो भी
बड़े मियाँके दौर से गुज़र रही है पर बेहतर तरीके से (इनकी कहानी फिर कभी ,कृपया याद दिला दीजिएगा )

अब बात आई
बड़े मियाँ की उनको आपकी सलाह की ज़रुरत है कौन सा टार्गेट सेट करे और क्यों ?


(सत्य घटना पर आधारित ,पात्रों के नाम काल्पनिक है और लय में रखे गए है , अगर किसी को यह पात्र अपने जैसा लगता है तो इसमें लेखक का नहीं आपकी उम्र का दोष है "टेक इट easy " }




20 comments:

  1. सही है भाई ... हा हा हा ... गनीमत है अभी तो मैं जवान हूँ ... ;-)

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  2. हा हा हा………मज़ेदार्।

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  3. achhi khinchaai ki hai... sachchi hai, wo to pata chal jata hai

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  4. हा हा हा ..किस किस को घसीट लिया है......ha ha ha मजेदार..
    अब क्या सलाह दें बड़े मियाँ को.बड़े मियाँ हैं खुद ही समझ जायेंगे तजुर्बे से :):).

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  5. :):) इसे कहते हैं भिगो भिगो के .... बहुत बढ़िया ..

    वो गाना याद आ गया -- बड़े मिंयां दीवाने ऐसे न बनो ...हसीना क्या चाहे हमसे सुनो ..

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  6. हा हा....आज तो बड़े प्यार से खबर ले डाली सबकी...
    मजा आ गया....अब बस नेक्स्ट पोस्ट...भी लिख ही डालो...देखूं उसमे कौन कहाँ फिट होता है me included :):)

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  7. ha ha ha ha

    na na na na na

    ha ha ha ha

    aha

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  8. बड़े मियाँ तो बड़े करीबी के से लगे.....:) ...हा हा!!

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  9. आगे काम आयेगी यह पोस्ट।

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  10. ha ha ha ...........
    maza aa gaya

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  11. हमारा नाम भी आएगा लेकिन,
    हमारा ज़िक्र सबके बाद होगा!
    चलिए अच्छा लगा हमारा/हम जैसों का ज़िक्र... अरे ये क्या हम जैसों को वापिस लेता हूँ क्योंकि यहाँ तो मैं अकेला ही खडा हूँ!! मज़ा आ गया सोनल जी!
    .
    पुनश्च: बालों में "हिजाब" नहीं "खिजाब"..

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  12. bade miya diwane, aise na kaho,
    haseena kaya chahe hamse suno,

    thnx sinal ji, 4 age categarisation ke liye
    20+ & 45+ so i m just around 40, so abhi to bat baki hai!

    nice stare ! maja aaya / muskarahat aayi,
    badhai kabule!

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  13. इसके तो सारे पात्र अपने पात्र जैसे ही लगे, आस पास बिखरे .. सिमटे हुए!

    क्या उम्र अब दोष पूर्ण होने लगी है?!

    ओह .. नो! ... आई शुड टेक इट ईज़ी!!

    मैं भी क्या करने लगा। मैं तो आपको याद दिलाने आया था ... कि एक पात्र की कहानी आपको फिर कभी लिखनी थी।
    याद है ना?!!

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  14. Gud One Sonal..

    Bahut der baad kuch acchha padha.. aapke blog ko regularly follow karna padega..

    waise main bh likhta hun.. bahut accha to nh.. par kabhi kabhi kuch kuch..

    mridultrehan.blogspot.com

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  15. अस्वस्थता के कारण करीब 20 दिनों से ब्लॉगजगत से दूर था
    आप तक बहुत दिनों के बाद आ सका हूँ,

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  16. बढ़िया प्रस्तुति.
    सादर,
    डोरोथी.

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  17. baat juban pe aa hi gayee..:))
    sach me aisa kuchh hota to hai:))

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