मैं क्या सोचती हूँ ..दुनिया को कैसे देखती हूँ ..जब कुछ दिल को खुश करता है या ठेस पहुंचाता है बस लिख डालती हूँ ..मेरा ब्लॉग मेरी डायरी है ..जहाँ मैं अपने दिल की बात खुलकर रख पाती हूँ
Bahut sunder kavita
क्यूँ असमंजस में मनक्यूँ है व्याकुलता सुबह भी गाती गोधूलि बुलाती है कौन वह मधुकर
बहुत सुंदर भाव .... नीले उजास में ही खोयी हुयी हूँ
सुन्दर सुन्दर कविता...
बहुत ही सुन्दर..
वाह................इससे खूबसूरत भला क्या हो सकता है????अनु
नीली नीली प्यारी सी कविता
WAH WAH BAHUT KHOOBSURAT_ NAZM HAI_-
Koun hai Jo Mohan jaisi mohini mein rang Gaya ... Preet ki Madhur abhivyakti ....
अरे वाह....कमाल है..
क्या कविता है। प्रवाह तो जैसे कोई ब्रिस्क वाक करते हुये निकल गया सामने से। जय हो! :)
वाह, बहुत सुन्दर!घुघूतीबासूती
Bahut sunder kavita
ReplyDeleteक्यूँ असमंजस में मन
ReplyDeleteक्यूँ है व्याकुलता
सुबह भी गाती
गोधूलि बुलाती
है कौन वह मधुकर
बहुत सुंदर भाव .... नीले उजास में ही खोयी हुयी हूँ
ReplyDeleteसुन्दर सुन्दर कविता...
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर..
ReplyDeleteवाह................
ReplyDeleteइससे खूबसूरत भला क्या हो सकता है????
अनु
नीली नीली प्यारी सी कविता
ReplyDeleteWAH WAH BAHUT KHOOBSURAT_ NAZM HAI_-
ReplyDeleteKoun hai Jo Mohan jaisi mohini mein rang Gaya ... Preet ki Madhur abhivyakti ....
ReplyDeleteअरे वाह....कमाल है..
ReplyDeleteक्या कविता है। प्रवाह तो जैसे कोई ब्रिस्क वाक करते हुये निकल गया सामने से। जय हो! :)
ReplyDeleteवाह, बहुत सुन्दर!
ReplyDeleteघुघूतीबासूती