पधार रहे है .........
खबरदार होशियार
सियारों के सरदार
ऐय्यारों के ऐय्यार
करने बंटाधार
पधार रहे है .......
बहरूपिये हज़ार
रंगे सियार
लूटने को बेकरार
फिर एक बार
पधार रहे है .......
छुपे हथियार
खूं के तलबगार
तमाशेबाज़ ज़ोरदार
वोट मांगने द्वार-द्वार
पधार रहे है .........
छुपे हथियार
ReplyDeleteखूं के तलबगार
तमाशेबाज़ ज़ोरदार
वोट मांगने द्वार-द्वार
पधार रहे है ...
जबरदस्त ... बहुत ही प्रभावी ... चेतावनी तो दे दि आपने ... अब जागने वालें भी जागें तो बात बने ...
जन्म से मक्कार
ReplyDeleteपार्टी उम्मीदवार
हो के कार पे सवार
लूटने को तैयार
पधार रहे हैं :-)
आनंद आया सोनल...बहुत बढ़िया !!!
अनु
सुन्दर प्रस्तुति-
ReplyDeleteआभार आदरेया ||
बहुत बढ़िया ...
ReplyDeleteबरसाती मेढक हैं, बरसात में आयेंगे | पर इस बार मुंह की खायेंगे !!!
ReplyDeleteवो तो पधारेंगे ..बस देखना है आवभगत कैसे होती है अब.
ReplyDeleteबढ़िया लिखा है.
जनता के द्वार
ReplyDeleteआयें मक्कार
सब हैं तैयार
खायेंगे मार
उधार रहे हैं
बहुत हि बढीया ...
ReplyDelete:-)
waah :) :)
ReplyDeletebahut hi acchha vyangy kiya hai sonal ji!
ReplyDeleteबहुत सुंदर, मैं अगर राजनीतिक फिल्म बनाता तो चुनावों के दृश्य में इस गीत को जरूर डालता...
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteवरिष्ठ गणतन्त्रदिवस की अग्रिम शुभकामनाएँ और नेता जी सुभाष को नमन!
वाह...फिर आया वादों को मौसम
ReplyDeleteहाँ अब चुनाव चुनाव का खेल प्रारम्भ होगा।
ReplyDeleteस्वागत है उनका इस ब्लॉगजगत में। :)
ReplyDelete:) जबरदस्त!!!
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