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Tuesday, January 22, 2013

पधार रहे है .........


खबरदार होशियार
सियारों के सरदार
ऐय्यारों के ऐय्यार
करने  बंटाधार
पधार रहे है .......
 

बहरूपिये हज़ार
रंगे  सियार
लूटने को बेकरार
फिर एक बार
पधार रहे है .......
 

छुपे हथियार
खूं के तलबगार
तमाशेबाज़ ज़ोरदार
वोट मांगने द्वार-द्वार
पधार रहे है .........

16 comments:

  1. छुपे हथियार
    खूं के तलबगार
    तमाशेबाज़ ज़ोरदार
    वोट मांगने द्वार-द्वार
    पधार रहे है ...

    जबरदस्त ... बहुत ही प्रभावी ... चेतावनी तो दे दि आपने ... अब जागने वालें भी जागें तो बात बने ...

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  2. जन्म से मक्कार
    पार्टी उम्मीदवार
    हो के कार पे सवार
    लूटने को तैयार
    पधार रहे हैं :-)

    आनंद आया सोनल...बहुत बढ़िया !!!
    अनु

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  3. सुन्दर प्रस्तुति-
    आभार आदरेया ||

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  4. बरसाती मेढक हैं, बरसात में आयेंगे | पर इस बार मुंह की खायेंगे !!!

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  5. वो तो पधारेंगे ..बस देखना है आवभगत कैसे होती है अब.
    बढ़िया लिखा है.

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  6. जनता के द्वार
    आयें मक्कार
    सब हैं तैयार
    खायेंगे मार
    उधार रहे हैं

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  7. bahut hi acchha vyangy kiya hai sonal ji!

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  8. बहुत सुंदर, मैं अगर राजनीतिक फिल्म बनाता तो चुनावों के दृश्य में इस गीत को जरूर डालता...

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  9. सुन्दर प्रस्तुति!
    वरिष्ठ गणतन्त्रदिवस की अग्रिम शुभकामनाएँ और नेता जी सुभाष को नमन!

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  10. वाह...फि‍र आया वादों को मौसम

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  11. हाँ अब चुनाव चुनाव का खेल प्रारम्भ होगा।

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  12. स्वागत है उनका इस ब्लॉगजगत में। :)

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