मैं क्या सोचती हूँ ..दुनिया को कैसे देखती हूँ ..जब कुछ दिल को खुश करता है या ठेस पहुंचाता है बस लिख डालती हूँ ..मेरा ब्लॉग मेरी डायरी है ..जहाँ मैं अपने दिल की बात खुलकर रख पाती हूँ
वाह , विरह रस तो शब्द शब्द छलक रहा है , पढ़ के आनंद आया . अत्यंत सुन्दर .
भावपूर्ण प्रस्तुति बहुत सुन्दरRECENT POST चाह है उसकी मुझे पागल बनाये
अरे.......ये सत्यानास कहाँ से आ गया....अधूरी प्यास कर दो यार....श्रृंगार की कविता हास्य रस की होने से बच जायेगी :-)अनु
सुन्दर भाव पूर्ण अभिव्यक्ति
प्रेम और विरह को आत्मसात करती रचना ... भावपूर्ण रचना ...
विरह को अभिव्यक्त करती सुन्दर रचना...
बढ़िया ...
वाह ... क्या बात है बहुत ही अच्छा लिखा है
विरह रस में डूबी एक बेहतरीन कविता :)) my first short story:- बेतुकी खुशियाँ
करूँ प्रतीक्षा, आँखें प्यासी
सुंदर संयोजन
शृंगार रस की कविता हास्य रस की होने से बच गयी :) विरह का सुंदर वर्णन ।
achi-**
क्या बात...
sakhi...bochhoh ki vedna ko sundarta se ukera hai aapne :)
दो पोस्ट बैक टू बैक पढ़ी, एक में हंसाया एक में रुलाया !!!! :( :(
पर ज्यादा सेंटी होने की ज़रूरत नहीं, जब रात गहरी हो जाये , तो मोर्निंग होने ही वाली है :) :)
दर्द बखूबी उकेरा है ...शुभकामनायें ॥
इस कविता में एक मिठास, एक अपना और हलके से दर्द का अहसास है।
वाह , विरह रस तो शब्द शब्द छलक रहा है , पढ़ के आनंद आया . अत्यंत सुन्दर .
ReplyDeleteभावपूर्ण प्रस्तुति बहुत सुन्दर
ReplyDeleteRECENT POST चाह है उसकी मुझे पागल बनाये
अरे.......ये सत्यानास कहाँ से आ गया....
ReplyDeleteअधूरी प्यास कर दो यार....श्रृंगार की कविता हास्य रस की होने से बच जायेगी :-)
अनु
सुन्दर भाव पूर्ण अभिव्यक्ति
ReplyDeleteप्रेम और विरह को आत्मसात करती रचना ...
ReplyDeleteभावपूर्ण रचना ...
विरह को अभिव्यक्त करती सुन्दर रचना...
ReplyDeleteबढ़िया ...
ReplyDeleteवाह ... क्या बात है
ReplyDeleteबहुत ही अच्छा लिखा है
विरह रस में डूबी एक बेहतरीन कविता :))
ReplyDeletemy first short story:- बेतुकी खुशियाँ
करूँ प्रतीक्षा, आँखें प्यासी
ReplyDeleteसुंदर संयोजन
ReplyDeleteशृंगार रस की कविता हास्य रस की होने से बच गयी :) विरह का सुंदर वर्णन ।
ReplyDeleteachi-**
ReplyDeleteक्या बात...
ReplyDeletesakhi...bochhoh ki vedna ko sundarta se ukera hai aapne :)
ReplyDeleteदो पोस्ट बैक टू बैक पढ़ी, एक में हंसाया एक में रुलाया !!!! :( :(
ReplyDeleteपर ज्यादा सेंटी होने की ज़रूरत नहीं, जब रात गहरी हो जाये , तो मोर्निंग होने ही वाली है :) :)
ReplyDeleteदर्द बखूबी उकेरा है ...
ReplyDeleteशुभकामनायें ॥
इस कविता में एक मिठास, एक अपना और हलके से दर्द का अहसास है।
ReplyDelete