मैं क्या सोचती हूँ ..दुनिया को कैसे देखती हूँ ..जब कुछ दिल को खुश करता है या ठेस पहुंचाता है बस लिख डालती हूँ ..मेरा ब्लॉग मेरी डायरी है ..जहाँ मैं अपने दिल की बात खुलकर रख पाती हूँ
बनाया हमने आशियाना पत्थरों का जो मजबूत था क्या थी खबर वो हमारे ख्वाबो का ताबूत था , चाहा अपने आप को बचा लूं ज़माने से खुदा से की गुजारिश पर वो भी मजबूर था
वाह !!
ReplyDeleteSUNDER ATI SUNDER
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