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Tuesday, December 21, 2010

सर्द मौसम

चटक चांदनी
फीकी सुबहें
मौसम का
अंदाज़ है
सुबह हवा ने
...बतलाया था
सूरज कुछ
नाराज़ है
धुंध लपेटे
चुप पड़ा है
बड़ा बिगड़ा
नवाब है
 

16 comments:

  1. सूरज कुछ
    नाराज़ है
    धुंध लपेटे
    चुप पड़ा है
    बड़ा बिगड़ा
    नवाब है

    सच जाड़ा आते ही बड़ा बिगड़ा नबाब बन जाता है...बड़े नखरे हैं सूरज महाराज के

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  2. ji bilkul...aajkalsuraj maraj kuch jyada hi bhaw kha rhe hai....!! happy winter ...


    Jai HO Mangalmay HO

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  3. सूरज तो गर्मी में नाराज हो जाते हैं।

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  4. क्या बात है!
    सूरज देवता कुछ समय और ऐसे ही नाराज़ रहेंगे.

    ......................
    'सी.एम.ऑडियो क्विज़'
    हर रविवार प्रातः 10 बजे

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  5. सूरज की नाराजगी अपनी जगह सही है

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  6. कुछ तो है इस कविता में, जो मन को छू गयी।

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  7. सूरज कुछ
    नाराज़ है
    धुंध लपेटे
    चुप पड़ा है
    बड़ा बिगड़ा
    नवाब है

    बहुत सुन्दर...

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  8. chup pade pade hi har roj har insaan ka ek din qatl kar deta hai. itni shakti hai is suraj mein

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  9. सूरज को परवाह नहीं है
    सब बैठे अगवानी में,
    जी करता है आग लगा दें
    सूरज की मनमानी में.
    खुद सोया है ओढ़ के चादर
    हम बैठे हैं पानी में!!

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  10. wah kya baat hai........
    saamyik rachana........
    aabhar

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  11. ये छोटी सी नज़्म तो बहुत ही प्यारी है ..सचमुच

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  12. मतलब ठण्ड शुरू हो गयी वहां, पैकिंग में स्वेटर बाधा लेते हैं लौटते वक़्त !!!!

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