मैं क्या सोचती हूँ ..दुनिया को कैसे देखती हूँ ..जब कुछ दिल को खुश करता है या ठेस पहुंचाता है बस लिख डालती हूँ ..मेरा ब्लॉग मेरी डायरी है ..जहाँ मैं अपने दिल की बात खुलकर रख पाती हूँ
तोड़ो गुल्लक
निकालो सिक्के
चन्दा जैसे
गोल गोल
पिछला साल
गया खर्चीला
इस बरस तो
तोल के बोल
मीठे खट्टे
तीखे तीखे
जिए कितने
पल अनमोल
हिसाब निन्यानबे का
मिलता ही नहीं
अरे बाबा
सब झोलम-झोल
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है कल (30/12/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा। http://charchamanch.uchcharan.com
बहुत ही सुन्दर शब्द रचना ।
ReplyDeletehttp://urvija.parikalpnaa.com/2010/12/blog-post_29.html
:) :)
ReplyDeleteतोल कर बोलने का सार्थक सन्देश .
सब झोलमझोल
ReplyDeleteबढिया रचना
अच्छी लगी
प्रणाम
वाह वाह वाह वाह्……।
ReplyDeleteसाल भर जो खर्च किया, जो पाया, हिसाब भी नहीं रख पाया।
ReplyDeleteबढ़िया ...
ReplyDeleteसब झोलम-झोल
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
ReplyDeleteप्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (30/12/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.uchcharan.com
बहुत सुन्दर..नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं !
ReplyDeleteगहरे अर्थ लिये लाइट सी कविता..
ReplyDelete:)
"तोल मोल के बोल" । अच्छी प्रस्तुति । आपको नववर्ष की शुभकामनाएं
ReplyDeletesunder sandesh.
ReplyDeletearey bahi sab jholam jhol..... bahut achcha
ReplyDeleteबहुत सुन्दर..नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं !
ReplyDeleteसब झोलम झोल
ReplyDeleteतोल मोल के बोल ...
सुन्दर !
सब झोलम-झोल baki sab tol ke bol. badiya hai ji
ReplyDeletebhut hi sundar..........
ReplyDeleteदर्पण से परिचय
सुंदर प्रस्तुति.आभार
ReplyDeleteसादर,
डोरोथी.
सब झोलम-झोल
ReplyDeleteka hisab kitab rakhati ho----
ReplyDelete:) मस्त
ReplyDeleteachhee rachna है ... सब kuch ही jholam-jhol है ....
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