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Tuesday, February 8, 2011

सखि बसंत मादक अधिक...


सखि बसंत मादक अधिक ,करू मैं कौन  उपाय
जिन कारण मैं बावरी ,वो मोहे मिल जाए

उपवन में उत्सव रचा, आवो जी ऋतुराज
करूँ श्रृंगार मैं सुमन का ,बने बिगड़े काज


नयनन ने सुन लीन्ह नयन नयन की बात
री सखि मारक बहुत कामदेव की घात

प्रेमपगी ऋतू बसंत है ,सजन नहीं है पास
भाग्य भया विपरीत मम रही ना कोई आस

पीरी चुनर ओढ़कर ऐसा करूँ श्रृंगार
दमकू मैं कनक सम रवि मलिन पड़ जाए

31 comments:

  1. @पीरी चुनर ओढ़कर ऐसा करूँ श्रृंगार
    दमकू मैं कनक सम रवि मलिन पड़ जाए।

    बहुत सुंदर बन पड़ी है ये पंक्तियाँ।
    बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं।

    हां!ताईवान में भी बसंत आ गया है :)

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  2. क्या बात है जी.... बड़े बसंती दोहे सुनाये आपने तो आज ....

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  3. वाह ...बहुत ही खूब ।

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  4. बसंत पंचमी की शुभ कामनाएं.
    .
    सादर

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  5. यकीन नहीं हो रहा ये आपने लिखा है ? अति सुन्दर सोनल !!!

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  6. पीरी चुनर ओढ़कर ऐसा करूँ श्रृंगार
    दमकू मैं कनक सम रवि मलिन पड़ जाए
    bilkul, malin hona hi hai

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  7. सखि बसंत मादक अधिक ,करू मैं कौन उपाय
    जिन कारण मैं बावरी ,वो मोहे मिल जाए
    ....vah...great....bahut badhiya.

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  8. बहुत सुन्दर्।बसंत पंचमी की हार्दिक शुभ कामनाएं.

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  9. इस कविता से अधिक मादकता बसंत भी नहीं ला सकता है।

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  10. सखि बसंत मादक अधिक.." बसंत का पूरी तरह से आभास कराती रचना है आपकी. मेरी बधाई स्वीकारें- अवनीश सिंह चौहान

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  11. बहुत सुन्दर!!


    आपको एवं आपके परिवार को बसंत पंचमी पर हार्दिक शुभकामनाएं.

    सादर

    समीर लाल
    http://udantashtari.blogspot.com/

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  12. सुन्दर्
    बसंत पंचमी की हार्दिक शुभ कामनाएं

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  13. sonal ji
    kya likhu ,mai to bas aapki rachna padh kar hi abhibhut ho gai. us par chun-chun kar shabdo ka prayog ati -uttam.bahut hi khoobsurat lagi aapki basanti kavita.
    bahut bahut badhai
    poonam

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  14. सुन्दर है ! बहुत ही सुन्दर है !!

    बसंत आ गया !!!

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  15. पवन में उत्सव रचा, आवो जी ऋतुराज
    करूँ श्रृंगार मैं सुमन का ,बने बिगड़े काज
    bahut badiya.. vasantpanchmi kee haardik shubhkamna

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  16. बसंत का पूरी तरह से आभास कराती है आपकी रचना|

    बसंत पंचमी की हार्दिक शुभ कामनाएं|

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  17. माशा अल्लाह .
    इस बसंत की बढ़िया रचनाओं में से एक.
    शुभ कामनाएं.

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  18. सुंदर वासंतिक रचना ........बसंतोत्सव की शुभकामनायें

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  19. बड़ी ही उन्मत्त दोहे-सी रचना...मात्राओं की कमोबेश को छोड़ दिया जाए तो मस्त भाव लिए है....
    वसंत पंचमी की शुभकामना....

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  20. bohot bohot bohot sundar likha hai di....kya baat hai...mann jhoom utha...mathura ki kunj galin mein... ;) braj bhasha ka swaad hi alag hota hai na....bohot meethi boli hoti hai. aur uspar apne kya mast likha hai...maza aa gaya :)



    maine bhi ek koshish ki thi braj mein likne ki...dekhna...
    http://insearchofsaanjh.blogspot.com/2010/10/blog-post_08.html

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  21. wait....i think its 'gokul ki kunj galin mein'...haina

    ;)
    oopsie

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  22. भावपूर्ण पंक्‍ि‍यां...सुन्‍दर छंद

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  23. लाजवाब.............बसंत पंचमी की शुभ कामनाएं.

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  24. पवन में उत्सव रचा, आवो जी ऋतुराज
    करूँ श्रृंगार मैं सुमन का ,बने बिगड़े काज
    भावातिरेक पक्तिया
    सोनल जी कृपया आप अपनी मेल आई डी देने की कृपा करे ताकि आपको कानपुर ब्लागर्स असोसिएसन में लेखक की श्रेणी में शामिल किया जा सके
    धन्यवाद
    डॉ पवन कुमार मिश्र

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  25. basant ka manohari chitran kiya hai

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  26. नयनन ने सुन लीन्ह नयन नयन की बात
    री सखि मारक बहुत कामदेव की घात

    प्रेम श्रृंगार और भी सारे रस उमड़ रहे हैं इस रचनामें ... बहुत ही मधुर ..

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