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Saturday, February 19, 2011

अपनी चाहत पा जाउंगी

आज फिर मैं वही सवाल पूछूंगी
जानती हूँ जवाब क्या आएगा
नए जबाब की चाहत में
वही साल दर साल पूछूंगी
मैं नहीं थकूंगी मांगने से
ना मांगू तो क्या पा जाउंगी
रीती थी तब भी मैं
अब भी रीती रह जाउंगी
सजदा सुबह शाम करो
तो माथे पर भी निशा पड़ते  है
टूटते है जितने ख्वाब
सब मेरे तलवो पे आके गड़ते हैं
ना सजाऊं अगर ख्वाब नए
क्या लहूलुहान होने से बच जाउंगी
जो पाना है वो बहुत मुश्किल है 
पर ज़माने को आसानी से हासिल है  
लगता है इस बार की कोशिश में
अपनी चाहत पा जाउंगी

29 comments:

  1. zarur ... sazde mein pade nishaan vyarth nahi honge

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  2. SUDNAR PRASTUTI,

    5 TH line "thukungi ya chukungi"

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  3. ..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती

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  4. वाह ...बहुत ही सुन्‍दर ।

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  5. कोशिश जारी रखिये ख्वाब जरूर पूरा होगा।

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  6. अनसुलझे सवालों का नाम ही जिंदगी है.. अच्छा लिखा

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  7. वाह ...बहुत ही सुन्‍दर
    दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती

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  8. न भी पाया तो कोई बात नहीं... कभी कभी हार कर भी इंसान जीत जाता है.. खोकर भी सबकुछ पा लेता है!!

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  9. कश-म-कश । बहुत सुन्दर ।

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  10. beautifully written...

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  11. Hi..

    Koshish man se agar karogi..
    Kadmon main wo aayega..
    Jiski khatir khwab hain tere..
    Khud wo tujh tak aayega..
    Aur duayen hum sabki bhi..
    Alisa asar dkhayengi..
    Man main hasrat, khwab hain jo bhi..
    Aap swatah paa jayengi..

    Sundar bhav..

    Deepak..

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  12. बहुत सुन्दर भावमयी अभिव्यक्ति.

    सजदा सुबह शाम करो
    तो माथे पर भी निशा पड़ते है
    टूटते है जितने ख्वाब
    सब मेरे तलवो पे आके गड़ते हैं

    शुभ कामनाएं.

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  13. सजदा सुबह शाम करो
    तो माथे पर भी निशा पड़ते है
    टूटते है जितने ख्वाब
    सब मेरे तलवो पे आके गड़ते हैं

    wahhh........kya baat hai...bas kamaal....bohot bohot khoob kaha





    vaise inne udaash kyun di...cheer up :)

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  14. क्या बात है...अच्छा लिखा है.

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  15. मन की कश्मकश को भावपूर्ण शब्दों में लिखा है ..

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  16. मन पर असर करती हुई दमदार रचना है -
    बहुत सुंदर लिखा है .-

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  17. खूबसूरत अभिव्यक्ति

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  18. जो पाना है वो बहुत मुश्किल है
    पर ज़माने को आसानी से हासिल है
    लगता है इस बार की कोशिश में
    अपनी चाहत पा जाउंगी

    आमीन ! आप अपनी चाहत ज़रूर पायें यही दुआ है ! एक अत्यंत भावभीनी कोमल रचना ! बहुत ही सुन्दर !

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  19. बहुत बढ़िया....भावभीनी कोमल अभिव्यक्ति

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  20. अंतिम छंद में व्यक्त आशावादिता मुख्य संबल है. इसी के बल पर हार को जीत में बदला जा सकता है.

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  21. कोशिश ख़त्म हो जाए तो जीवन कहाँ रह पाता है ...

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  22. जो पाना है वो बहुत मुश्किल है
    पर ज़माने को आसानी से हासिल है
    लगता है इस बार की कोशिश में
    अपनी चाहत पा जाउंगी .....

    आशा जगाती भावपूर्ण सुंदर रचना के लिए बधाई।

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  23. वाह ...बहुत ही सुन्‍दर ।
    भावपूर्ण सुंदर रचना के लिए बधाई।

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  24. sonal bahut hi philosphical aur gahre arth waali kavita hai ... kya kahun shbd kam padh gaye hai ...

    बधाई

    -----------

    मेरी नयी कविता " तेरा नाम " पर आप का स्वागत है .

    आपसे निवेदन है की इस अवश्य पढ़िए और अपने कमेन्ट से इसे अनुग्रहित करे.

    """" इस कविता का लिंक है ::::

    http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/02/blog-post.html

    विजय

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  25. ना सजाऊं अगर ख्वाब नए
    क्या लहूलुहान होने से बच जाउंगी

    बहुत ही सटीक बात कही है.....
    सार्थक अभिव्यक्ति

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  26. कोशिश व्यर्थ नहीं जाती है।

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