मेहँदी रचाऊं
रूप सजाऊं
बांध पायल
तुझे रिझाऊं
गहरी आँखे
गहरा काजल
तुझे पिया मैं
कहाँ बसाऊं
रात सी वेणी
चाँद का गजरा
लट का बादल
बिखरा बिखरा
चाँद सा मुखड़ा
चाँद की बाली
आई रात
सुहागों वाली
चाँद पिया और
चाँद हूँ मैं भी
ऐसे करवाचौथ
मनाऊं
hummm aapko karwa chouth ki bahut bahut shubhkamnayen..........!!
ReplyDeleteJai Ho Mangalmay Hai
बहुत शानदार और भावपूर्ण रचना ।
ReplyDeleteawesome... piya ko rijhaane kee pooree planning kar lee aapne...
ReplyDeleteKarwa Choth kee shubhkaamnaye...
bahut pyari rachna.ek nari ke utsaah ki samporn jhanki.karvachoth ki shubhkamnayen!
ReplyDeleteरात सी वेणी
ReplyDeleteचाँद का गजरा
लट का बादल
बिखरा बिखरा ...kya baat hai :)
चाँद पिया और
ReplyDeleteचाँद हूँ मैं भी
बहुत उम्दा किस्म की लेखिका हैं आप बहुत बहुत बधाई............कृपया भविष्य में जो लिखें अगर संभव हो तो मुझे जरूर भेजें..........बड़ा ही सरल और ह्रदय स्पर्शी अंदाज़......
बहुत शानदार और भावपूर्ण रचना ।
ReplyDelete'आदत.. मुस्कुराने की' पर भी पधारें !!
..... मेरी प्यारी बहना
चाँद पिया और
ReplyDeleteचाँद हूँ मैं भी
ऐसे करवाचौथ
मनाऊं
बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति।
vaah...shaandar.
ReplyDeleteउत्तम भाव!!
ReplyDeleteशुभकामनाएँ.
चाँद पिया और
ReplyDeleteचाँद हूँ मैं भी
ऐसे करवाचौथ
मनाऊं
बहुत सुन्दर ... करवाचौथ की शुभकामनाएँ.
is saundaryamai pujarin ko meri sneh shubhkamnayen....
ReplyDeleteपावन त्योहार की शुभकामनायें, सुन्दर पंक्तियाँ।
ReplyDelete.
ReplyDeleteMindblowing creation !
A very innovative way of celebrating 'Karwachauth '
.
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ReplyDeleteख़ुशियों का मधुमास बुलाओ,
ऐसे करवाचौथ मनाओ!
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sweet....
ReplyDelete:)
बहुत खूब .. कमाल का लिखा है ... आज के दिन का महत्व जो इतना है ....
ReplyDeleteबहुत बहुत शुभकामनाएँ ...
:) bahut pyaari pyaari rachnaa hai.... aur geetatmakta isemein aur chaar chand lagaa rahi hai.... (already do --aap aur aapke piyaa--aapke paas hain hi..) :)
ReplyDelete"रात सी वेणी
ReplyDeleteचाँद का गजरा
लट का बादल
बिखरा बिखरा
चाँद सा मुखड़ा"
सोनल जी,
यहाँ उपमा और रूपक अलंकारों ने आपकी काव्याभिव्यक्ति को और भी अर्थगर्भित बना दिया है! ...बधाई!
मन को छू लेने वाली सुन्दर भावपूर्ण रचना के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करेँ सोनल जी!
ReplyDelete:) bahut sundar ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सोनल....
ReplyDeleteमूड बना दिया :-)
अनु
ReplyDeleteइतनी सुंदर कविता अब पढ़ पाया हूं …
मन आनंदित हो गया है …
आभार !