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Monday, October 25, 2010

ऐसे करवाचौथ मनाऊं


मेहँदी रचाऊं
रूप सजाऊं
बांध पायल
तुझे रिझाऊं
गहरी आँखे
गहरा काजल
तुझे पिया मैं
कहाँ बसाऊं
रात सी वेणी
चाँद का गजरा
लट का बादल
बिखरा बिखरा
चाँद सा मुखड़ा
चाँद की बाली
आई रात
सुहागों वाली
चाँद पिया और
चाँद हूँ  मैं भी
ऐसे करवाचौथ
मनाऊं

23 comments:

  1. hummm aapko karwa chouth ki bahut bahut shubhkamnayen..........!!

    Jai Ho Mangalmay Hai

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  2. बहुत शानदार और भावपूर्ण रचना ।

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  3. awesome... piya ko rijhaane kee pooree planning kar lee aapne...
    Karwa Choth kee shubhkaamnaye...

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  4. bahut pyari rachna.ek nari ke utsaah ki samporn jhanki.karvachoth ki shubhkamnayen!

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  5. रात सी वेणी
    चाँद का गजरा
    लट का बादल
    बिखरा बिखरा ...kya baat hai :)

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  6. चाँद पिया और
    चाँद हूँ मैं भी
    बहुत उम्दा किस्म की लेखिका हैं आप बहुत बहुत बधाई............कृपया भविष्य में जो लिखें अगर संभव हो तो मुझे जरूर भेजें..........बड़ा ही सरल और ह्रदय स्पर्शी अंदाज़......

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  7. बहुत शानदार और भावपूर्ण रचना ।
    'आदत.. मुस्कुराने की' पर भी पधारें !!
    ..... मेरी प्यारी बहना

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  8. चाँद पिया और
    चाँद हूँ मैं भी
    ऐसे करवाचौथ
    मनाऊं

    बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति।

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  9. उत्तम भाव!!

    शुभकामनाएँ.

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  10. चाँद पिया और
    चाँद हूँ मैं भी
    ऐसे करवाचौथ
    मनाऊं

    बहुत सुन्दर ... करवाचौथ की शुभकामनाएँ.

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  11. is saundaryamai pujarin ko meri sneh shubhkamnayen....

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  12. पावन त्योहार की शुभकामनायें, सुन्दर पंक्तियाँ।

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  13. .

    Mindblowing creation !

    A very innovative way of celebrating 'Karwachauth '

    .

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  14. बहुत खूब .. कमाल का लिखा है ... आज के दिन का महत्व जो इतना है ....
    बहुत बहुत शुभकामनाएँ ...

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  15. :) bahut pyaari pyaari rachnaa hai.... aur geetatmakta isemein aur chaar chand lagaa rahi hai.... (already do --aap aur aapke piyaa--aapke paas hain hi..) :)

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  16. "रात सी वेणी
    चाँद का गजरा
    लट का बादल
    बिखरा बिखरा
    चाँद सा मुखड़ा"

    सोनल जी,
    यहाँ उपमा और रूपक अलंकारों ने आपकी काव्याभिव्यक्ति को और भी अर्थगर्भित बना दिया है! ...बधाई!

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  17. मन को छू लेने वाली सुन्दर भावपूर्ण रचना के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करेँ सोनल जी!

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  18. बहुत सुन्दर सोनल....
    मूड बना दिया :-)

    अनु

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  19. इतनी सुंदर कविता अब पढ़ पाया हूं …

    मन आनंदित हो गया है …
    आभार !

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