काका बौराते फिरे
काले करके बाल
कोई नवयौवना
रंग दे अबके साल
बत्तीसी सेट किये
काकी रही मुसकाय
फागुन सजी फुहार
देवर नाही आय
ससुराल साली बसे
वे जीजा मालामाल
पास पडोसी ताक रहे
दिल में बड़ा मलाल
फ़गुआये भये बावरे
खूब चढ़ाई भांग
चुनर ओढ़ बाबा रचे
नार नवल का स्वांग
जो रोये सो रो रहे
जो गाये सो गाये
नौटंकी घर घर सजी
कौन किसे समझाए
कोई छेड़े राग भैरवी
कोई छेड़े राग मल्हार
होली है में डूब गया
सारा सुर संसार
बहुत खूब । होली की शुभकामनाएं ।
ReplyDelete:) :) :)
ReplyDeleteहैप्पी वाली होली !!!!
बहुत खूब .. मजेदार:-)
ReplyDeleteहोली की महिमा न्यारी
ReplyDeleteसब पर की है रंगदारी
खट्टे मीठे रिश्तों में
मारी रंग भरी पिचकारी
ब्लोगरों की महिमा न्यारी …………होली की शुभकामनायें
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteये तो गजब गजब लिखा! वाह बधाई!
ReplyDeleteदुबली-पतली सुन्दर कविता होली की!
:):) बहुत बढ़िया ..हैप्पी होली .
ReplyDeleteआपको होली कि हार्दिक शुभकामनायें और बधाई !!
ReplyDelete:-) sonal is great..
ReplyDeletekeep smiling
love
anu
हैप्पी हैप्पी होली
ReplyDeleteहोली की मस्ती के दिलचस्प नज़ारे पेश करती आपकी कविता- पर्व की शुभकामनाऐं
ReplyDeletesab kuchh holimay
ReplyDeletesunder rachna
ReplyDeleteआपको और आपके परिवार को
होली की रंग भरी शुभकामनायें
aagrah hai mere blog main bhi padharen
बहुत सुन्दर, होली की शुभकामनायें।
ReplyDeleteजो रोये सो रो रहे
ReplyDeleteजो गाये सो गाये
नौटंकी घर घर सजी
कौन किसे समझाए ...
हा हा ... होली की मस्ती छन रही है ...
मज़ा आ गया इस हास्य में ...
आपको होली की मंगल-कामनाएं ...
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ
ReplyDeletelatest post धर्म क्या है ?
बहुत सुन्दर ! होली की शुभकामनायें :)
ReplyDeleteजैसे जैसे होली करीब आ रही है, वैसे वैसे मन में उत्साह बढता जा रहा है| आपकी कविता में होली में जो होली की जल्किया बताई गई हे वह काफी मनमोहक और हास्य पूर्ण है | Talented India News
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