मैं क्या सोचती हूँ ..दुनिया को कैसे देखती हूँ ..जब कुछ दिल को खुश करता है या ठेस पहुंचाता है बस लिख डालती हूँ ..मेरा ब्लॉग मेरी डायरी है ..जहाँ मैं अपने दिल की बात खुलकर रख पाती हूँ
Wednesday, June 23, 2010
इश्क पर लिखूंगी
इश्क पर लिखूंगी ,
हुस्न पर लिखूंगी
दिलों के होने वाले,
हर जश्न पर लिखूंगी
दर्द पर लिखूंगी
मैं आह पर लिखूंगी
जुल्फों की घनी
पनाह पर लिखूंगी
चाँद पर लिखूंगी
और रात पर लिखूंगी
दो जोड़ी आँखों की
हर बात पर लिखूंगी
शमा पर लिखूंगी
मैं परवाने पर लिखूंगी
जलते बुझते
हर अफ़साने पर लिखूंगी
खिड़की पर लिखूंगी
मैं झलक पर लिखूंगी
रात भर ना सोई
उस पलक पर लिखूंगी
जब तक है धड़कन
और गर्म है साँसे
मोहब्बत मोहब्बत
दिन रात मैं लिखूंगी
Labels:
आकर्षण,
रिश्ते,
हिन्दी पोएम
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रात भर ना सोई
ReplyDeleteउस पलक पर लिखूंगी
in line ne kampann sa paida kar diya tha. kya baat hai ma'm
bahut sundar aur gahre bhav hai is kavita me..
ReplyDeletekeep writing.
बहुत सुन्दर्।
ReplyDeleteजोश एवं उत्साह से लिखी गयी रचना ,,स्वागत है ,,लाजवाब पोस्ट..
ReplyDeleteविकास पाण्डेय
www.vicharokadarpan.blogspot.com
बहुत सुन्दर रचना...
ReplyDeleteलाजवाब कर दिया आपने।
ReplyDelete--------
आखिर क्यूँ हैं डा0 मिश्र मेरे ब्लॉग गुरू?
बड़े-बड़े टापते रहे, नन्ही लेखिका ने बाजी मारी।
बड़ी ज़बर्दस्त दास्ताने मोहब्बत है ये और साथ ही ऐलाने मोहब्बत भी...शायद इसी पर किसी ने कहा था कि
ReplyDeleteइस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा
लड़ते हैं मगर हाथ में तलवार भी नहीं.
सोनी लिखो खूब लिखो हम पढ रहे हैं ना । सुन्दर कविता। बधाई
ReplyDeleteक्या आप जानती है कि सांस रोककर रचना को पढ़ना किसे कहते हैं.... आपकी रचना कुछ इसी तरह की है।
ReplyDeleteजब अंतिम लाइनों में देखा कि मोहब्बत जिन्दाबाद है तो जाकर सुकून मिला।
एक शानदार रचना के लिए बधाई।
kya bat hai ......bahut hi umda rachna...!!
ReplyDeleteआप जो भी लिखेंगी ,मैं सब पढ़ुंगा ।
ReplyDeleteवाह वाह....कितने सारे विषय हैं लिखने के लिए.....एक मैं हूँ की कोई विषय ही नहीं मिल रहा लिखने को....हा हा हा ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर नज़्म हुई है....बधाई
सुन्दर रचना...
ReplyDeleteआपकी लिखावट ने तो कमाल कर दिया
ReplyDeleteसाथियो, आभार !!
ReplyDeleteआप अब लोक के स्वर हमज़बान[http://hamzabaan.feedcluster.com/] के /की सदस्य हो चुके/चुकी हैं.आप अपने ब्लॉग में इसका लिंक जोड़ कर सहयोग करें और ताज़े पोस्ट की झलक भी पायें.आप एम्बेड इन माय साईट आप्शन में जाकर ऐसा कर सकते/सकती हैं.हमें ख़ुशी होगी.
स्नेहिल
आपका
शहरोज़
aapto likhte rahiye .........har vishay par likhiye......hame padhne ke liye achhchhe kavita ki jaroorat hai.......aur aapki lekhni sundar hai...keep it up
ReplyDeletegaonb me jab tha...to jo ladkiyaan(sirf ladkiyaan ) 10th ya 12th pass nahi kar pati theen ..wo ek copy leti theen aur roz us copy ka ek panna "raam " raam " likh ke bhar deti theen ..unka vishwas tha ki pass ho jayengi ...khair pass to nahi hueen ..kaiyon ko raam mil gaye .. ye muhabbat muhabbat bhi likhna kama zaroor aayega.. :) bahut achhi lagi nazm ..veer ras style ki mohabbat hai ..kahne ka matlab bahut energy hai .. :)
ReplyDelete@बहुत- बहुत धन्यवाद ... पता नहीं जब भी श्रृंगार रस पर लिखती हूँ तो ,मन खिला खिला सा रहता है ..इतनी गर्मी में खुश रहने का ये तरीका हमें तो भाता है
ReplyDeleteजब तक है धड़कन
ReplyDeleteऔर गर्म है साँसे
मोहब्बत मोहब्बत
दिन रात मैं लिखूंगी ...
दिल में हो उमंग तो हर बात पर लिखना अच्छा लगता है ... अच्छी रचना है आपकी ...
bahut acha likha hai apne
ReplyDeleteइश्क पर लिखूंगी ,
हुस्न पर लिखूंगी
दिलों के होने वाले,
हर जश्न पर लिखूंगी
ye line mujhe bahut pasand aaie
आप जो भी लिखती हैं, शानदार लिखती हैं।
ReplyDelete---------
क्या आप बता सकते हैं कि इंसान और साँप में कौन ज़्यादा ज़हरीला होता है?
अगर हाँ, तो फिर चले आइए रहस्य और रोमाँच से भरी एक नवीन दुनिया में आपका स्वागत है।
aapki post kal 25/6/ ke charcha munch ke liye li ja rahi he.
ReplyDeleteaabhar
वाह!! बेहतरीन..!
ReplyDeleteaur main padhti jaungi
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया, क्या लिखूँ समझ नहीं आ रहा, Excellent, Ultimate...
ReplyDeleteवित्तीय स्वतंत्रता पाने के लिये ७ महत्वपूर्ण विशेष बातें [Important things to get financial freedom…]
केवल नामांकन ही बीमा पॉलिसी के लिये क्यों पर्याप्त नहीं है [ Why nomination only is not enough in Insurance ?]
गज़ब की जिद, एक सधी हुयी उत्कट चाह ।
ReplyDeleteलिखूँगी, दिखूँगी, कभी न थकूँगी,
समझ ले ज़माना, मैं सोना खरा हूँ ।
वाह! क्या खूब लिखती हैं आप...आप को पढ़कर कुछ जोश आ जाता है. सार्थक कविता.
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा इसे पढ़्कर। ऐसे लिखती रहें, ताकि मन खिला खिला बना रहे। :)
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सोच..शानदार रचना.
ReplyDelete***************************
'पाखी की दुनिया' में इस बार 'कीचड़ फेंकने वाले ज्वालामुखी' !
Sonal Ji,
ReplyDeleteNamaste,
Likhne ka yeh achcha pagal pan hai..
जब तक है धड़कन
और गर्म है साँसे
मोहब्बत मोहब्बत
दिन रात मैं लिखूंगी
Isi tarah naye naye vichaar likhti rahiye ...
Dhanyavaad
Surinder Ratti
Mumbai
आज फ़िर पढ़ा इसे। बहुत अच्छा लगा।
ReplyDelete