हंसकर जबसे गले लगाया है
चाँद आँखों में उतर आया है
पड़े गालों में दो भंवर गहरे
डूबकर कौन उबर पाया है
कुछ हया अदा में शामिल है
और कुछ अदा से शर्माती भी है
झिड़क देती है शरारत से
कभी तेवर नए दिखाती भी है
उँगलियों से सुलझा देती है
कभी जुल्फों में मुझे उलझाया है
कोई बात नहीं बस ख़ामोशी रहे
बाद मुद्दत के पहलू में सनम आया है
कभी उँगलियों से सुलझा देती है
ReplyDeleteकभी जुल्फों में मुझे उलझाया है
अब कोई बात नहीं बस ख़ामोशी रहे
मुद्दत बाद पहलु में सनम आया है ....vah, bahut sundar rachna.
are waah sundar prem ke bhaavon se saji..milan ka sukhad ehsaas...ab aisa ho ki muddatein beet jaayein...aur sanam kahin jaa na paaye...
ReplyDeleteआह माशाल्लाह ...बहुत ही खूबसूरत नाम है .
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ...खूबसूरत एहसासों से भरी ...
ReplyDeletejab bhi wo paas se gujra
ReplyDeletebas pyaar aaya hai
सुध बुध खोने वाली रचना ।
ReplyDeleteअब कोई बात नहीं बस ख़ामोशी रहे
ReplyDeleteमुद्दत बाद पहलु में सनम आया है
waah bahu t sundar..
सुध बुध खोने वाली रचना ।
ReplyDeleteसुध बुध खोने वाली रचना ।
ReplyDeleteसुध बुध खोने वाली रचना ।
ReplyDeleteअब कोई बात नहीं बस ख़ामोशी रहे
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
बहुत प्यारी रचना
प्रणाम स्वीकार करें
Hi..
ReplyDeleteEk Sujhav..
Ab koi baat nahi...
Ki jagah aisa likhen..
Kabhi pyaar se jhidka mujhko..
Kabhi to khud hi uksaya hai..
Jaane kab se aas thi meri..
Chand pass ab aaya hai..
Muddat baad sanam mera fir..
Bahon main meri aaya hai..
Sundar bhav..
DEEPAK..
Hi..
ReplyDeleteEk Sujhav..
Ab koi baat nahi...
Ki jagah aisa likhen..
Kabhi pyaar se jhidka mujhko..
Kabhi to khud hi uksaya hai..
Jaane kab se aas thi meri..
Chand pass ab aaya hai..
Muddat baad sanam mera fir..
Bahon main meri aaya hai..
Sundar bhav..
DEEPAK..
Pahloo main mere aaya hai..bhi kar sakti hain..
ReplyDeletesach me very nice wali hi baat hai....
ReplyDeletekunwar ji,
bahut sundar
ReplyDeleteaaj chand uter aaya sharti par
barish ka mosam ho or upper se sathi sath ho to yaho hota he
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteबहुत प्यारी रचना
आँखों में चाँद उतर आया है
ReplyDeleteगालों में पड़े गहरे दो भंवर
उनमें डूबकर कौन उबर पाया है,,,,,,गज़ब एहसास लिए सुन्दर रचना !!!
इंतजार ख़त्म हुआ :)
ReplyDeleteश्रिन्गार रस की आधुनिक कविता। सुन्दर!
ReplyDeleteहर रंग मिलता है आपकी रचनाओं में
ReplyDelete"अब कोई बात नहीं बस ख़ामोशी रहे
बाद मुद्दत के पहलू में सनम आया है"
ये उसी की एक बानिगी है.
मैं सोच में पड़ गया हूं अपनी टिप्पणी में क्या लिखूं...
ReplyDeleteकहीं पहुंचा दिया है आपने।
यह एक रचना का असर है।
thanks.
ReplyDeleteliked ur feelings and short stories.
आपकी इस नज्म पर इतना ही कहूंगा कि
ReplyDeleteकोई अपना बिछडता है तो दिल को दर्द होता है
फूल तो फूल है ऐसे में तो पत्थर भी रोता है
सभी ये जानते है सेज काटों की मोहब्बत है
न जाने फिर किसी से क्यों किसी को प्यार होता है
sundar........impressive
ReplyDeleteमैने पहलू चैक किया आपकी कविता को पढ़ने के बाद। पर यहां थोड़ा डिफरेंट हो गया,,,मुद्दत हो गई कोई आय़ा ही नहीं। हां पललू में जो दिल था....या है..पता नहीं....वहां रह रह कर कोई याद आ जाता है। चलता है लाइफ है। हाहाहाहा
ReplyDeleteउनमें डूबकर कौन उबर पाया है
ReplyDeleteis misre me se .."unme " hata dijiye...flow behtar ho jayega
bahut achhi rachna hai sonal ji..
ek dum ..chokha romantic... :)
सुंदर रचना
ReplyDelete