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Sunday, May 23, 2010

मेरी तौबा (लघुकथा )

"कुछ सोच रही हो " मैंने उसका हाँथ हौले से दबाकर पूछा

"नहीं तो " नेहा के चेहरे पर शरारत की लहर दौड़ गई
अब वो आसानी से बताएगी नहीं ,जब तक मैं उससे ८ -१० बार पूछ नहीं लूँगा .
चार सालों से जानते है एक दुसरे को ऑफिस में मिले,दोस्त बने फिर एहसास हुआ हम अपना रिश्ता दोस्ती से आगे ले जा सकते है ...दो महीने बाद शादी है .
"अब तुम क्या सोच रहे हो वरुण " उसने बच्चों की तरह मेरे गाल चिकोटते हुए कहा .
"क्या हम शादी कर के ठीक कर रहे है ?" मैंने हौले से उससे पूछा
"बड़ी जल्दी पूछ लिया दो महीने बाद पूछते " उसने तुनक कर जवाब दिया
बस इसी अदा पर तो मैं अपनी ज़िन्दगी वार सकता था.
"अरे इतना बड़ा फैसला ले रहे है ज़िन्दगी का कही कुछ भूल हो गई तो बस सारी ज़िन्दगी तबाह " मैंने अपनी हसी दबाते हुए कहा.
"मिस्टर वरुण, अगर कोई फैसला लेना है तो अभी ले लो, ये शादी करनी है या नहीं " नेहा कुछ तल्ख़ हो उठी.
"मैं तो तुम्हारे भले के लिए ही कह रहा था " मैं उसके सब्र का थोडा और इम्तेहान लेने के मूड में था.
"अगर ऐसा है तो ये सब अभी ख़त्म करते है इसी में मेरा भला है,वैसे भी मुझे भी लगता है शायद लम्बे समय तक ये रिश्ता ना निभा पाऊं, मेरे पापा भी यही कह रहे थे ,बस मैं समझ नहीं पा रही थी बात कैसे शुरू करूँ " नेहा ने भरे गले से बोलती जा रही थी
" तुम्हारे मन में भी यही शंका है ना , चलो मैं सोच रही थी तुम्हारा दिल कैसी दुखाऊं" नेहा ने राहत की सांस लेते हुए कहा

अब सदमें में आने की बारी मेरी थी नेहा की आवाज़ कही दूर कुएं से आती लग रही थी,नेहा को खोने के ख़याल से दिल बैठ गया
"मैं तो मज़ाक कर रहा था " मेरी आवाज़ काँप रही थी
नेहा मेरा चेहरा गौर से देख रही थी
"मैं भी तो मज़ाक कर रही थी " नेहा खिलखिला कर हंस पड़ी .
मैंने घबराकर उसको गले से लगा लिया, सब शांत था बस हमारी धडकनों का शोर था .
मेरा दिल कह रहा था
"इस लड़की से मजाक ,मेरी तौबा "

24 comments:

  1. rabba re...shuqar hai mazaak tha.... neha ki taraf se bhi .. achhi lagi..ek pal ki baat kahunga ise... ye masti hi rishton ko mazbooti deti hai ..

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  2. CHALO SHUHR HAI MAZAK THA..
    BAHUT HI ACHHI AUR PYARI SI KAHANI....
    pyaar ke khubsurat ehsaas...

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  3. bahut achchhi story sonal ji .
    actually i have felt the real pain of love . for other person it is just a story but I know how a real lover feels his lover says the dialogues same as when neha told that she is going to marry another man .

    The pain of real love is unbearable . thanks for sharing such a nice stroy sonal ji .pahli bar aaya apke blog par bahut achchha mahsoos hua

    Virender
    saralkumar.blogspot.com

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  4. बहुत बढ़िया..जैसे को तैसा मिला.

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  5. Hi..

    Achha hua mazak tha varna dil to humara bhi baithne laga tha..

    Sundar katha..

    DEEPAK..

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  11. लाजवाब ! बहुत सुन्दर, मानवीय रिश्तों को समझाती कथा ...

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  12. waah pyaar me itna majaak theek nahi...kya pata kab heart fail ho jaaye....

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  13. अच्छा मजाक... अच्छी प्रस्तुति... बहुत ही खूबसूरत अनुभव..
    अब ज़रा सोचिये... अगर ये पूरी कहानी एक संवाद के फॉर्म में होती तो कैसा होता?? सिर्फ Inverted commas के बीच... न कोई वरुण – न कोई नेहा !!

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  14. प्रेम में किसी से जुदा होना मौत से कम नहीं लगता.. इस अहसास को बखूबी लघुकथा में गढ़ा है आपने सोनल जी..

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  15. क्षणिकाएं (दर्द ) चर्चा मंच पर ली गयी है .


    http://charchamanch.blogspot.com/2010/05/163.html

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  16. acha hua majak hi tha ek baar to laga sach to nahi.........nice one

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  17. बहुत खूब ... अब तो कानों को हाथ लगा लिया होगा ... लड़की से मज़ाक ... ना भाई ना ये पंगा नही ....

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  18. ऐसा कई बार होता है ....अच्छा लेखन ...अच्छे संवाद

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  19. अच्छी लघुकथा... बहुत जानदार लेखन... बहुत खूब.

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  20. Dil se bola jaay ya dil se likha jaay to sun ne aur padhne vaale ke dilon ko chhoo hi jata hai.Dilon ko chhoone ke liye dil se hi likhti rahen.Badhai!!
    magar ek baat kahoon aap ke blog par kuchh akharta hai andaza lagaiye vo kya ho sakta hai
    shayad apko pata hai.agar aap chahen to main Email dwara batane ko taiyar hoon.

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  21. kaash jindgi itne haseen hote. sonalji aap ka 'Holi' aalekh to kuch aur hi kehta hai. sambandho ka aarth sirf 'teri to setting hai' tak simat kar reh gaya hai. sambhandho ko anjam tak kitne log le jate hai.

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  22. क्या अदा है! नेहा-वरुण की। :)

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