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Thursday, June 3, 2010

बाद मुद्दत के पहलू में सनम आया है

हंसकर जबसे गले लगाया है

चाँद आँखों में उतर आया है
पड़े गालों में दो भंवर गहरे
डूबकर कौन उबर पाया है

कुछ हया अदा में शामिल है
और कुछ अदा से शर्माती भी है
झिड़क देती है शरारत से
कभी तेवर नए दिखाती भी है

उँगलियों से सुलझा देती है
कभी जुल्फों में मुझे उलझाया है
कोई बात नहीं बस ख़ामोशी रहे
बाद मुद्दत के पहलू में सनम आया है

28 comments:

  1. कभी उँगलियों से सुलझा देती है
    कभी जुल्फों में मुझे उलझाया है
    अब कोई बात नहीं बस ख़ामोशी रहे
    मुद्दत बाद पहलु में सनम आया है ....vah, bahut sundar rachna.

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  2. are waah sundar prem ke bhaavon se saji..milan ka sukhad ehsaas...ab aisa ho ki muddatein beet jaayein...aur sanam kahin jaa na paaye...

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  3. आह माशाल्लाह ...बहुत ही खूबसूरत नाम है .

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  4. बहुत सुन्दर ...खूबसूरत एहसासों से भरी ...

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  5. सुध बुध खोने वाली रचना ।

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  6. अब कोई बात नहीं बस ख़ामोशी रहे
    मुद्दत बाद पहलु में सनम आया है

    waah bahu t sundar..

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  7. सुध बुध खोने वाली रचना ।

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  8. सुध बुध खोने वाली रचना ।

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  9. सुध बुध खोने वाली रचना ।

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  10. अब कोई बात नहीं बस ख़ामोशी रहे

    बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
    बहुत प्यारी रचना

    प्रणाम स्वीकार करें

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  11. Hi..

    Ek Sujhav..
    Ab koi baat nahi...
    Ki jagah aisa likhen..

    Kabhi pyaar se jhidka mujhko..
    Kabhi to khud hi uksaya hai..

    Jaane kab se aas thi meri..
    Chand pass ab aaya hai..
    Muddat baad sanam mera fir..
    Bahon main meri aaya hai..

    Sundar bhav..

    DEEPAK..

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  12. Hi..

    Ek Sujhav..
    Ab koi baat nahi...
    Ki jagah aisa likhen..

    Kabhi pyaar se jhidka mujhko..
    Kabhi to khud hi uksaya hai..

    Jaane kab se aas thi meri..
    Chand pass ab aaya hai..
    Muddat baad sanam mera fir..
    Bahon main meri aaya hai..

    Sundar bhav..

    DEEPAK..

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  13. Pahloo main mere aaya hai..bhi kar sakti hain..

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  14. sach me very nice wali hi baat hai....

    kunwar ji,

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  15. bahut sundar


    aaj chand uter aaya sharti par

    barish ka mosam ho or upper se sathi sath ho to yaho hota he

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  16. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
    बहुत प्यारी रचना

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  17. आँखों में चाँद उतर आया है
    गालों में पड़े गहरे दो भंवर
    उनमें डूबकर कौन उबर पाया है,,,,,,गज़ब एहसास लिए सुन्दर रचना !!!

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  18. श्रिन्गार रस की आधुनिक कविता। सुन्दर!

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  19. हर रंग मिलता है आपकी रचनाओं में
    "अब कोई बात नहीं बस ख़ामोशी रहे
    बाद मुद्दत के पहलू में सनम आया है"
    ये उसी की एक बानिगी है.

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  20. मैं सोच में पड़ गया हूं अपनी टिप्पणी में क्या लिखूं...
    कहीं पहुंचा दिया है आपने।
    यह एक रचना का असर है।

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  21. thanks.
    liked ur feelings and short stories.

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  22. आपकी इस नज्म पर इतना ही कहूंगा कि
    कोई अपना बिछडता है तो दिल को दर्द होता है
    फूल तो फूल है ऐसे में तो पत्थर भी रोता है
    सभी ये जानते है सेज काटों की मोहब्बत है
    न जाने फिर किसी से क्यों किसी को प्यार होता है

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  23. मैने पहलू चैक किया आपकी कविता को पढ़ने के बाद। पर यहां थोड़ा डिफरेंट हो गया,,,मुद्दत हो गई कोई आय़ा ही नहीं। हां पललू में जो दिल था....या है..पता नहीं....वहां रह रह कर कोई याद आ जाता है। चलता है लाइफ है। हाहाहाहा

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  24. उनमें डूबकर कौन उबर पाया है

    is misre me se .."unme " hata dijiye...flow behtar ho jayega

    bahut achhi rachna hai sonal ji..

    ek dum ..chokha romantic... :)

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