Pages

Tuesday, April 27, 2010

डर लगता है

मुझे खुश होने से डर लगता है,

जो न पाया उसे खोने से डर लगता है

मेरे अश्क बनके तेज़ाब न जला दे मुझको

इसलिए रोने से डर लगता है



महफ़िल में भी सन्नाटा सुनती हूँ

मुझे तनहा होने से डर लगता है

ख्वाब टूटकर चुभेंगे ज़िन्दगी भर

मुझको सोने से डर लगता है



तुम्हारी याद काफी है मेरे लिए

तुम्हारे साथ होने से डर लगता है

पता नहीं किस बात पे शर्मिन्दा हूँ

मुझे अपने ज़िंदा होने से डर लगता है

15 comments:

  1. मुझे खुश होने से डर लगता है,
    जो न पाया उसे खोने से डर लगता है

    महफ़िल में भी सन्नाटा सुनती हूँ
    मुझे तनहा होने से डर लगता है

    तुम्हारी याद काफी है मेरे लिए
    तुम्हारे साथ होने से डर लगता है


    उम्दा

    आपसे गुजारिश है आप गजल लिखा करें

    और अगर लिखती हों तो लिंक दें आभारी रहूँगा

    ReplyDelete
  2. "महफ़िल में भी सन्नाटा सुनती हूँ
    मुझे तनहा होने से डर लगता है"

    bahut khoob
    kitni sundar ghazal hai.
    aakhiru sher bhi gajab ka hai :
    पता नहीं किस बात पे शर्मिन्दा हूँ
    मुझे अपने ज़िंदा होने से डर लगता है

    ham aur bhi ghazal padhne ka khwahishmand hain.

    aabhaar

    ReplyDelete
  3. बहुत सुन्दर!
    घुघूती बासूती

    ReplyDelete
  4. ख्वाब टूटकर चुभेंगे ज़िन्दगी भर
    मुझको सोने से डर लगता है
    कुछ ख्वाब गर टूट जायेंगे तो दूसरे ख्वाब थोड़ी मजबूती से आयेंगे.
    बहुत सुन्दर रचना

    ReplyDelete
  5. ओह!

    बहुत उम्दा!

    ReplyDelete
  6. जो न पाया उसे खोने से डर लगता है

    मेरे अश्क बनके तेज़ाब न जला दे मुझको

    इसलिए रोने से डर लगता है
    bahut kuch kah gye ye sher .ati sundar .

    ReplyDelete
  7. bahut bahut sundar likha..sonal..
    keep it up :)))))

    ReplyDelete
  8. बहुत अच्छी प्रस्तुति संवेदनशील हृदयस्पर्शी मन के भावों को बहुत गहराई से लिखा है

    ReplyDelete
  9. तुम्हारी याद काफी है मेरे लिए
    तुम्हारे साथ होने से डर लगता है
    ... बहुत खूब ... अदभुत रचना !!!

    ReplyDelete
  10. tumhari yaad hi kaafi hai mere liye, tumhare saath hone mein dar lagta hai

    ReplyDelete
  11. tumhari yaad hi kaafi hai mere liye, tumhare saath hone mein dar lagta hai ...yeh dar, yeh antardwand, yeh khalish ke saath jeena bhi koi jeena hai..par haan ek baar yeh dil se nikal gaya to zindagi ki raahein kuch asaan ho jaati hai..

    ReplyDelete
  12. एक बेहतरीन रचना
    काबिले तारीफ़
    सुन्दर भावाव्यक्ति .साधुवाद
    satguru-satykikhoj.blogspot.com

    ReplyDelete