माना है वो बिगड़ने के बाद
बरसा है बादल सुलगने के बाद
कभी सामने आना गवारा नहीं था
आज हटते नहीं है निखरने के बाद
पानी मखमल सा सुर्ख लगता है
उनके दरिया में उतरने के बाद
बात है मीठी या जबां मीठी है
जवाब आयेगा चखने के बाद
चाँद से हैं या चाँद रात से है
खुलेगा राज़ हिजाब पलटने के बाद
क्या हैं कीमत मेरे प्यार की
हिसाब मिलेगा शायद मेरे बिकने के बाद
अंगडाई से क़यामत ना आ जाए
कौन बचेगा ज्वार उतरने के बाद
गुमसुमी हरारत बेहोशी और दीवानापन
सारे रोग लगे है तुझसे दिल लगने के बाद
कितने है मेरे मुरीद सिवा उनके
जानेगा ज़माना जनाजा उठने के बाद
सोनल . बहुत हकीकत बयाँ है ।
ReplyDeleteसराहनीय ।
bahut khoob
ReplyDeleteधांसू
ReplyDeleteबोले तो एकदम वंडरफुल
कहीं कोई लोचा नहीं.. सीधा दिल पे वार
mujhe bhi muridon ki ginti mein shumaar kar lo..vaise chand ko hichkiyaan aa rahi hogi..har koi yaad kar raha hai :)
ReplyDeleteवाह....बहुत सुन्दर...
ReplyDeleteआप मुझे कुछ जान सके क्या,
ReplyDeleteअश्रु मेरे पढ़ने के बाद ।
गुमसुमी हरारत बेहोशी और दीवानापन
ReplyDeleteसारे रोग लगे है तुझसे दिल लगने के बाद
वाह सोनल जी सीधा दिल से लिखा।
बहुत अच्छी तरह से जज्बातों को शब्दों में पिरो्या है।
धन्यवाद
पानी मखमल सा सुर्ख लगता है
ReplyDeleteउनके दरिया में उतरने के बाद ..
बहुत खूब ..... उनके आने से जो आ जाती है मुँह पर रौनक ......
ग़ालिब याद आ गये इस शेर पढ़ने के बाद ....
dil se dil tak ki baat.......
ReplyDeleteshabda chayan ati sundar
ReplyDeleteमाना है वो बिगड़ने के बाद
ReplyDeleteबरसा है बादल सुलगने के बाद
कभी सामने आना गवारा नहीं था
आज हटते नहीं है निखरने के बाद
ye do sher...zabardastttttttttttttt
सोचता जा रहा था कि ये लिखूँगा, वो लिखूँगा... लेकिन उँगलियों ने साथ छोड़ दिया पूरी ग़ज़ल पढ जाने के बाद!!!
ReplyDeleteमाना है वो बिगड़ने के बाद
ReplyDeleteबरसा है बादल सुलगने के बाद
कभी सामने आना गवारा नहीं था
आज हटते नहीं है निखरने के बाद
वाह बहुत खूब। शुभकामनायें
bhn sonal ji bhut khub dil kaa drd alfaazon men pironaa koi aasaan nhin or drd bhi voh jo sirf khyaalon men pedaa kiyaa ho shbdon ki jaadugiri shaayd ise hi khte hen. akhtar khan akela kota rajsthan
ReplyDeleteचाँद से हैं या चाँद रात से है
ReplyDeleteखुलेगा राज़ हिजाब पलटने के बाद
क्या हैं कीमत मेरे प्यार की
हिसाब मिलेगा शायद मेरे बिकने के बाद
अंगडाई से क़यामत ना आ जाए
कौन बचेगा ज्वार उतरने के बाद
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behad achchhe lekhan ke liye badhai
उम्दा पोस्ट
ReplyDeleteआपकी पोस्ट ब्लॉग4वार्ता में
भूली बिसरी बात पुरानी,
याद आई है एक कहानी
अच्छा है।
ReplyDeleteक्या हैं कीमत मेरे प्यार की
हिसाब मिलेगा शायद मेरे बिकने के बाद
हिसाब मिलेगा शायद बिछडने के बाद करके देखिये। :)
गुमसुमी हरारत बेहोशी और दीवानापन
ReplyDeleteसारे रोग लगे है तुझसे दिल लगने के बाद
कितने है मेरे मुरीद सिवा उनके
जानेगा ज़माना जनाजा उठने के बाद
बेहतरीन ग़ज़ल, उपरोक्त अश`आर का तो जवाब ही नहीं. बहुत खूब!
पानी मखमल सा सुर्ख लगता है
ReplyDeleteउनके दरिया में उतरने के बाद
बेहतरीन ग़ज़ल...
बहुत सुन्दर रचना है
ReplyDeleteगुमसुमी हरारत बेहोशी और दीवानापन
ReplyDeleteसारे रोग लगे है तुझसे दिल लगने के बाद
कितने है मेरे मुरीद सिवा उनके
जानेगा ज़माना जनाजा उठने के बाद.
mam,
बहुत सुन्दर रचना.......
बेहतरीन रचना ... दिल छुं गई ...
ReplyDeleteबहुत बढिया!
ReplyDeletekhoobsoorat rachna
ReplyDeletedil se dil tak ki baat.......
ReplyDeletebahut khoob ...........me to fan ho gaya apka
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