सौवी पोस्ट लिखने जा रही हूँ ये तो पता था पर आज १ जुलाई को मेरे ब्लॉग का साल पूरा हो रहा है ये अनायास पता चला .... बीज तो अंकुरित हो गया कुछ नन्ही -नन्ही कोंपलें भी दीख रही है ...मन खुश है ..अरे दोहरी ख़ुशी है ... बस आप लोग शुभकामनाये और आशीर्वाद दीजिये .....
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जब पहली बार तुमसे निगाह मिली थी तो शायद उस पल मेरी पलक बहुत देर में झपकी थी,जब दुबारा तुम्हे पलट कर देखा को दिल इतनी जोर से धड़क रहा था की कोई मेरी साइड में खड़े होकर मेरी धड़कन सुन सकता था, माथे पर पसीने की बूंदे,हाँथ पाँव ठन्डे ..सारे हार्ट अटैक के लक्षण.
उसके बाद महीनो तक तुम दिखे नहीं तुम्हारी शक्ल धुंधली सी सी होने लगी ,तुम्हे भूल गई ये तो नहीं कहूँगी पर भीड़ में कई बार तुम्हे ढूँढा जरूर, कमबख्त उम्र का ये मोड़ होता ही ऐसा है पूरी तरह केमिकल लोचा ,,,
कालेज का पहला दिन,कुछ घबराहट कुछ रोमांच सहेलियों के साथ अपनी क्लास ढूंढ रही थी,अचानक दिल मनो १२ वी मजिल से ग्राउंड फ्लोर पर बिना लिफ्ट गिर गया, तुम रैगिंग के लिए सामने थे ...उफ़ तुम क्या बोल रहे थे एक शब्द पल्ले नहीं पड़ रहा था... सारी दुनिया समझ रही थी मैं नर्वस हूँ पर क्यों ..ये तो तुमको भी नहीं पता....
अचानक ....कुछ सोचते हुए मुई लम्बी सी मुस्कान होंठो पर खेल गई ..तुमने नोटिस किया और सबके सामने एकदम बोल दिया "अरे क्लोसअप स्माइल " .सबकी निगाहें मुझ पर और मैं गडी जा रही थी ....
उस रात घंटो तुम्हारे ख्यालों के साथ करवट बदलती रही ..ब्लू शर्ट में बहुत सही लग रहे थे तुम ,बालों का स्टाइल कुछ ओके सा ही पर चलता है,हाँथ में मोती की अंगूठी .. गुस्सा बहुत आता है क्या ?
रात और सुबह के बीच का फासला कुछ घंटो का ही था और मैं फिर तैयार थी कालेज के लिए .... पर नामुराद ऑटो हड़ताल पर ...आज ही ये होना था फिर सन्डे ...दो दिन कितने मुश्किल थे क्या बताऊँ
सोमवार की सुबह ,शिव जी को हाँथ जोड़े ...आईने के सामने थोड़ा ज्यादा वक़्त लगाया,आज बाल कुछ ज्यादा मुलायम लगे ..चेहरा भी चमक रहा था ,कहीं पढ़ा था प्यार आपको और खूबसूरत बना देता है ..पर तुमको कैसी लगती हूँ ये ज्यादा improtant हैं .................... कोई मौक़ा नहीं छोड़ा मैंने तुम्हारे करीब आने का ... कभी नोट्स ,कभी हेल्प ..कभी कभी लगता तुम भी मुझे पसंद करते हो ..पर बोलना तो चाहिए ..
शायद मुझे ही प्रपोज मारना पडेगा .......... कही कोई और ना आ जाए तेरे मेरे बीच में ..
हर आशिक को लगता है किसी को पता नहीं चलेगा पर कमबख्त छुपता कहाँ है मानसी ने पकड़ लिया एक दिन ..क्या बात है मैम...कहाँ निगाहें और दिल अटका बैठी हो ......... दिल की लिफ्ट फिल १२ वी से बसेमेंट में ..धडाम चोरी पकड़ी गई ...कोई नहीं एक सांस में बता दिया उसको ...
पहले उसने बेहताशा हँसना शुरू किया
.."तुझे और कोई नहीं मिला ",
उसके बाद मैं बहुत देर तक इमोशनल रोलर कोस्टर पर सवार रही . हे भगवान् मुझे यही मिला था .. अगर मेरी सौत कोई लड़की होती तो लड़ भी जाती ...पर यहाँ तो रांझा रांझे पे मर रहा है ..........रांझा रांझा ना कर हीर
"न वो रांझा था ना मैं हीर थी
जो हुआ वो तकदीर थी
लम्हा जब गुजरा
दिल के दाग में हलकी पीर थी "
अपनी स्टोरी द एंड ..
एक साथ दो दो बधाई...एक साल पूरा वो भी शतक के साथ...अनेक शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteशतक .......अनेक शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteशतक की और एक साल पूरा होने की बधाई....कहानी का अंदाज़ बहुत बढ़िया है....पर क्या वाकई यह केवल कहानी ही है?
ReplyDeleteशतक और एक वर्ष .....पूरा करने के लिए ढेर सारी शुभकामनएं .....ये कहानी बहुत ही दिलचस्प है .
ReplyDeleteदोनो उपलब्धियों के लिए बहुत बहुत बधाई .. आगे और भी मुकाम हासिल करते जाएं .. शुभकामनाएं !!
ReplyDeleteकेमिकल लोचा में इमोशन की छौंक बढ़िया है.शतकवीर होने की बधाई .Happy blog-birthday to you.
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteक्या यह कहानी है या
सचमुच ऐसे रांझें से दिल लगा बैठी थी!!!
प्रणाम
न वो रांझा था ना मैं हीर थी
ReplyDeleteजो हुआ बस वो तकदीर थी
बस लम्हा जब गुजरा
दिल के दाग में हलकी पीर थी
जिसने प्यार नहीं किया उसने क्या किया।
ReplyDeleteजो रोया नहीं उसकी तो जिन्दगी बरबाद है।
जिसकी नींद नहीं उड़ी.. उसे तो हर हाल में पछताना ही चाहिए.
आपकी रचना ने मुझे अंखियों के झरोखे फिल्म की याद दिला दी है। क्या दिन थे वो भी।
तब शायद इन सुंदर भावनाओं का कोई मतलब भी हुआ करता था लेकिन आज बाजारवाद ने सारे रोमांच की मिट्टी पलीद कर दी है।
आप लिखती तो बहुत शानदार है ही, आज की पोस्ट बहुत मासूम बदमाशी सी है। अच्छा लगा।
और हां... आपको बधाई। सौवीं पोस्ट के साथ एक साल पूरा करने के लिए।
बधाई हो, अच्छे लेखन की, एक वर्ष की और सौ पोस्टों की । उफ मेरी कब होंगी ।
ReplyDeleteसस्पेंस बहुत सही था.. ठीक वैसे ही जैसे कहानी का नायक ब्लू शर्ट में बहुत सही लगा था..
ReplyDeleteइसके सिक्वल में दोनों रांझाओ की लव स्टोरी भी बना दो..
और हाँ बिना मिठाई वाली खुशखबरी नहीं चलेगी..
hahaha aur koi badnami nai hui
ReplyDeletesonal..bahut bahut badhai..bas blog jagat mein yun hi tumhara sitara buland rahe :)
ReplyDeleteसौवां पोस्ट और ए़क साल
ReplyDeleteदो मौके इक साथ
साथ में पुरानी याद
मीठी सी कसक बेमिसाल
बहुत बहुत बधाई सोनल जी
एक साल पूरा होने पर शतकीय पोस्ट के साथ आप तीन दशक पीछे ले गईं और अंत में 12वीं मंज़िल से सीधा बेसमेंट में जा पटका. सच है, मोहब्बत में इंसान सीढियाम चढता ऊपर जाता है और लिफ्ट से नीचे गिरता है.
ReplyDeleteबधाई!
आपको
ReplyDeleteबहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत
बधाई
100वीं पोस्ट एवं ब्लागिंग के एक वर्ष पूर्ण होने पर बधाई।
ReplyDeleteआगे भी कीर्तिमान बनाएं-शुभकामनाएं।
शतक पूरे होने की बधाई...शुभकामनाएँ
ReplyDeleteबधाई
ReplyDeleteशतक के लिये और अच्छी लेखन के लिये बहुत बहुत बधाई।
ReplyDeleteमहफूज़ अली जी से सहमत.
ReplyDeleteशतकीय पोस्ट की शुभकामनांए.
Dil ki Dastan is trah se sunai ke koi yad aagaya
ReplyDeleteWo kale uljhe bal or alsaati aankhe Sharmeela Chehra jo dil me Utar gaya ...
Shubkamnay.
दो रांझा आपको यहाँ भी मिल गए ---------१०० और १------------
ReplyDeleteदोनों की बधाई
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड
waah badhaai ji
ReplyDeleteब्लागिंग के एक वर्ष और सौवीं पोस्ट मुबारक ।सिलसिला चलता रहे---
ReplyDeleteबधाई
ReplyDeleteआपकी पोस्ट ब्लाग4वार्ता में
विद्यार्थियों को मस्ती से पढाएं-बचपन बचाएं-बचपन बचाएं
शतक पूरे करने की बहुत बहुत बधाई। लेखन शैली बहुत पसंद आई।
ReplyDeleteis kahani pe to dost log film bana chuke hain ..par iske likhe jane ka dhang kafi alag hai ...bahut pasand aayi ..ranjha ranjha ka sahi istemal yaheen hua hai ...heheheeh..salgirah aur century.. dono ki badhai ..:)
ReplyDeleteshbd chitra sundar lage sonal :)
ReplyDeleteहाय मैं शर्म से लाल हुआ!
ReplyDeleteबेबाक! बेख़ौफ़! बेतकल्लुफ!
जिसने इश्क ना किया, उसने क्या किया मोहतरमा?!
खैर किस्मत से ज्यादा और वक़्त से पहले कहाँ किसी को कुछ मिला है!???
आशीष रस्तोगी
(मेरा सरनेम सिर्फ आपकी जीके के लिए!!!)
bahut bhut badhai.
ReplyDeleteHi..
ReplyDeleteAha.. Kya ending tha..us chhoti si love story ka.. To kya wo, Woooo.. Tha..haha..
'Blue shirt main tum bahut achhe lag rahe the' aha.. Kitne meethe ahsaas hain..
'moti ki anguthi..kya bahut gussa aata hai..' to kya gussa aane walon ko moti ki anguthi pahnani chahiye? Aur jise gussa na aata ho use,..??
1st Jul, sarkari naukri walon ke liye celebration ka din hota hai.. Annual Increment jo lagta hai.. Par ab se hamen muskurane ka ek aur karan mil gaya.. Eshwar har 1st jul ko aapse aisi hazaron post likhne ka awsar de aur hamen unhen padhne ka..
Es suavsar par Meri shubhkamnayen sweekaren aur mere hisse ki meethai bhej den.. Pata dun kya..?
Sauvin post ki bhi mubarakbad..
Badhai..
Deepak..
दोहरी बधाई।
ReplyDeleteआज पहुँचे आपकी पोस्ट पर, आपको बहुत बहुत बधाई, जबरदस्त लगा १२ वी मजिल से ग्राउंड फ्लोर पर बिना लिफ्ट गिर गया,
ReplyDeleteजबरदस्त!!!
एक साल और १०० पोस्ट भी ... बहुत बहुत बधाई ... कहानी दिलचस्प और दमदार है ...
ReplyDeleteसौवीं पोस्ट के साथ एक साल पूरा करने के लिए दोहरी बधाई। कहानी का अंदाज़ बहुत दिलचस्प है...
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई सोनल जी
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई सोनल जी
बहुत बहुत बधाई सोनल जी
एक साल और १०० पोस्ट भी ... बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteबहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..
ReplyDeleteशतक पूरे करने की बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteबहुत खूब! बधाई फ़िर से।
ReplyDeletemein abhi abhi aapka blog padhne laga hoon...fir bhi badhai to de hi sakta hoon...
ReplyDeletebahut bahut badhai.................
ReplyDeleteबधाई। अभी ब्लॉग की रचनाएं पढ़नी बाकी हैं...
ReplyDelete:)
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