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Thursday, April 22, 2010

तुमको याद ना हो

बहुत मुमकिन है

तुमको याद ना हो

तुम्हारी डायरी के

इक्किस्वे पन्ने पर

एक सूखा गुडहल

जो तुमने अपने हांथो से लगाया था

मेरे जूडे में

फिर मान के निशानी

दबा दिया डायरी में

उसकी साँसे

कल तक बाकि थी

आज ही दम तोडा है

अपने रिश्ते के साथ

अब शायद मुझको भी

दफ़न कर दोगे

मानकर निशानी

और भुला दोगे

जान कर याद पुरानी

19 comments:

  1. पुरानी मीठी बातें याद दिलाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद. बहुत सुन्दर रचना लगी. बधाई. किताबों में फूल का ज़िक्र अपने आप में दिल को गुदगुदा देता है और पुरानी यादों में ले जाता है,

    www.nareshnashaad.blogspot.com

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  2. सुंदर कविता, अस्सी के दशक के किसी रूमानी फिल्म निर्देशक के कैमरे के दृश्य जैसी, मुहोब्बत के कई सारे शेड्स एक साथ लिए हुए. आपकी कविताएं और कहानियां दोनों समान रूप से सुंदर हैं.

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  3. सुंदर शब्दों के साथ ...... बहुत सुंदर रचना.....

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  4. सुंदर शब्दों के साथ ...... बहुत सुंदर रचना.....

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  5. bahut hi jyada sundar....prem me virah...achcha prayog hai shabdon ka...

    http://dilkikalam-dileep.blogspot.com/

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  6. बड़ी रूमानियत भरी कविता है...एक अनछुआ अहसास और मीठी कसक लिए हुए

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  7. बहुत मुमकिन है

    तुमको याद ना हो

    तुम्हारी डायरी के

    इक्किस्वे पन्ने पर

    एक सूखा गुडहल

    जो तुमने अपने हांथो से लगाया था

    ...bahut badhiya,chhote-chhote sabdo se bhara khubsurat kavita. vaah.

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  8. हमलोग इस फूल को अड़हुल बोलते हैं.. कहते हैं माँ दुर्गा को यह विशेष रूप से प्रिय है...

    कविता ले गयी पुराने दिनों में...

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  9. सुन्दर भावों को बखूबी शब्द जिस खूबसूरती से तराशा है। काबिले तारीफ है।

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  10. apnaa ek puraanaa she'r yaad ho aayaa...

    ye gar meri nishaani hotaa to, murjhaa gayaa hotaa


    bataa ab tak hai taaza phool kaisaa tere baalon mein...?

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  11. अब शायद मुझको भी
    दफ़न कर दोगे
    मानकर निशानी
    और भुला दोगे
    जान कर याद पुरानी

    और फिर याद पुरानी ही तो है जब आती है तो कसक छोड जाती है.
    बहुत सुन्दर रचना

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  12. कविता को पङकर बरबस पहले प्रेम को याद
    आ जाती है ऐसी मासूमियत प्रेम करने वाले
    को ही महसूस होती है .

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  13. अधिकांश की व्यथा लिख दी . शिल्प के साथ ।

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  14. याद बढ़िया है

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  15. यादे और वो भी अगर प्रेम की हो ,चाहे कामयाब प्रेम की हो अथवा नाकामयाब प्रेम की सच्ची होती है और उसमे से हर इंसान वही पता है जो उसने किसी और को दिया होगा

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  16. पुरानी यादों में पहुँचा दिया आपने ... गुलाब के फूल के साथ बहुत कुछ जुड़ा रहता है ....

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  17. waah waah waah ..ye hui na nazm ...bas mazaa aa gaya..baharhaal gulzaar saab ne thik iske ulat ek baat kahi thi ..batat hun ...

    nazm hai ..

    " yaad hai ik din
    mere mez pe baith baithe
    tumne cigrette ki
    ik dibiya par
    ek chhote se paudhe ka
    ek sketch banaya tha .. ?

    aa kar dekho
    us paudhe par phool aaya hai .."

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