मरघट जी गए है
रौनक है कब्रिस्तान में
गलियाँ सूनी है
जलसा है शमसान में
रात में रौनक है
या रौनक की रात है
चहल पहल है सन्नाटे में
कोई तो बात है
चिता में जलकर
अब चिंता में घिरे है
सारे,रूह जिन्न प्रेत
एक साथ मिले हैं
इतनी बढ़ गई तादाद
कम पड़ती है जगह
आने वाले कहाँ जायेंगे
मुर्दे परेशान हैं !
SOCHNE PAR MAJBOOR KARTI HAI AAPKI RACHNAA
ReplyDeleteSONAL JI
पठनीय.....मननीय....चिंतनीय......
ReplyDeleteडरा ही दिया आपने ...शमशान घाट में कभी मुर्दों की बारात के किस्से सुने थे या आज आपने डरा दिया :-))
ReplyDeleteआने वाले कहाँ जायेंगे
ReplyDeleteमुर्दे परेशान हैं !
परेशानी में जब मुर्दे हैं
तो जिन्दा कितना परेशान होगा.