इस नव वर्ष के अभिनन्दन को
मैं बोलो क्या श्रिंगार करूँ
पुष्प सजाऊं धुप जलाऊं
चन्दन अंगीकार करूँ
नूतन वर्ष है नूतन योवन
नूतन भाव सजे हैं स्वप्न
स्वप्नों में तुम आन बसे प्रिय
नव स्पंदन स्वीकार करो
नव क्षण का उत्साह अमित है
सब कुछ शुभ शुभ लगता है
इस पावन अवसर पर तुमको
नेह अपना उपहार करूँ
नव वर्ष मंगलमय हो
स्वप्नों में तुम आन बसे प्रिय
ReplyDeleteनव स्पंदन स्वीकार करो
अतिमनोहारी शब्दों के द्वारा पिरोये हुए अत्यंत सुन्दर भाव की रचना
हर शब्द में गहराई, बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति ।
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
इस नव वर्ष के अभिनन्दन को
ReplyDeleteमैं बोलो क्या श्रिंगार करूँ
पुष्प सजाऊं धुप जलाऊं
चन्दन अंगीकार करूँ
...इन पंक्तियों ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर ....रचना....
SONAL JI
ReplyDeleteBLOG PAR AANE KE LIYE
AAP KAA BAHUT -BHAUT SHUKRIYAA
AAGE BHI AAP MERA HOSLA BADHAINGI..
सुन्दर!
ReplyDeleteआप को नव विक्रम सम्वत्सर-२०६७ और चैत्र नवरात्रि के शुभ अवसर पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ .....
vehatareen rachanaa
ReplyDeletenice
ReplyDeleteनव क्षण का उत्साह अमित है
ReplyDeleteसब कुछ शुभ शुभ लगता है
इस पावन अवसर पर तुमको
नेह अपना उपहार करूँ
बहुत सुंदर!
नव क्षण का उत्साह अमित है
ReplyDeleteसब कुछ शुभ शुभ लगता है
इस पावन अवसर पर तुमको
नेह अपना उपहार करूँ
Bahut sundar...derse sahi,aapko nutan warsh kee anek shubhkamnayen!
नूतन वर्ष शुभ हो.:)
ReplyDeleteSonal ji....
ReplyDeleteNaye varsh main, nayi ummeden...
Nav-swapnon ki raah..
Poorn sabhi hon, sabke, apni...
Etni si hi chaah..
Mere hruday bhi chahat aisi...
Main bhi angikaar karun..
Swapn adhure kab se mere...
Kuchh to main sakaar karun...
Sadar...
Deepk...
same to you...
ReplyDeleteइस पावन अवसर पर तुमको
ReplyDeleteनेह अपना उपहार करूँ .....सुंदर रचना
शुभकामनाएं
ReplyDeleteसुंदर भावाभिव्यक्ति ।
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