Pages

Monday, March 8, 2010

पहचानो मुझे ....


मैं देवी नहीं हूँ मैं माँ हूँ तुम्हारी


मैं बेटी हूँ,पत्नी और हूँ सखी भी

हँसती हूँ जब मुस्कुराते हो तुम

तुम्हारी एक शिकन से होती हूँ दुखी भी



जब थी परीक्षा तो जागी थी मैं भी

दही चीनी लेकर पीछे भागी थी मैं ही

जब चमका तेरे भाग्य का सितारा

मुट्ठी भर मिर्चें नज़र भी उतारी



सप्तपदी के वचन को निभाया हमेशा

हर रिश्ते को तेरी नज़र से ही देखा

तेरी सांस से जोड़ ली अपनी साँसे

अग्निपरीक्षा देने को वेदी चढ़ी मैं



तेरी गोद में नन्ही कली सी महकी

मुझे पा के तेरी बगिया थी महकी

तुम्हारी मर्यादा को कन्धों पे ढोया

हुई विदा पर ये रिश्ता न खोया



कई रूप मेरे सभी तो निभाये

संस्कार,शील, मर्यादा सभी सर झुकाए

करती गई जो जब भी था चाहा

तेरे साथ से कभी ज्यादा ना माँगा



तो फिर आज क्यों भृकुटी तनी है तुम्हारी

पहचानो मुझे संग खड़ी हूँ तुम्हारे .......


12 comments:

  1. यही तो मैं हूँ ...पहचानो मुझे ...
    बहुत बढ़िया ...!!

    ReplyDelete
  2. बहुत ही भावपूर्ण निशब्द कर देने वाली रचना . गहरे भाव.

    ReplyDelete
  3. कई रूप मेरे सभी तो निभाये

    संस्कार,शील, मर्यादा सभी सर झुकाए

    करती गई जो जब भी था चाहा

    तेरे साथ से कभी ज्यादा ना माँगा



    तो फिर आज क्यों भृकुटी तनी है तुम्हारी

    पहचानो मुझे संग खड़ी हूँ तुम्हारे .......
    सोनल जी बहुत सही अभिव्यक्ति है । शायद औरत की त्रास्दी है ये कि उसके त्याग को केवल उसका फर्ज समझा जाता है। दिल को छू गयी रचना बधाई

    ReplyDelete
  4. aurat ke anginat roop....bahut khoob

    ReplyDelete
  5. करती गई जो जब भी था चाहा

    तेरे साथ से कभी ज्यादा ना माँगा

    ये मां है जो सिर्फ देना जानती है। अपना खून पिलाकर भी सिर्फ अपने खून(बच्चे) की मंगल कामना करती है। बहुत सुंदर.. लिखते रहें..
    saurabh kunal
    assistant producer
    voi news channel

    ReplyDelete
  6. पहली बार आप को पढ़ा , आपके भाव और ममता दिल को छू गयी , हार्दिक शुभकामनायें !

    ReplyDelete
  7. आपकी कविता से सुभद्रा कुमारी चौहान की कवितायेँ याद आगई.
    ....बार-बार आती है मुझको मधुर याद बचपन तेरी.
    ....गया ले गया वो जीवन की सबसे मस्त खुशी मेरी...
    ...बहुत सुन्दर कवितायेँ ....

    ReplyDelete
  8. really i salute women for their role in upbringing of men in this world..

    ReplyDelete
  9. अति सुंदर ! कहने को कुछ बचा ही नहीं .

    ReplyDelete